पटनाः बिहार में दो सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान(Tarapur and Kusheshwarsthan) पर होनेवाले उपचुनाव में प्रचार करने के लिए कांग्रेस के तीन स्टार प्रचारक पटना पहुंचे हैं. इस दौरान कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी ने सदाकत आश्रम से चुनावी प्रचार को आगे बढ़ाया. इस दौरान कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने अपने वक्तव्य के दौरान बिहार के विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस पार्टी की खासियत गिनाते हुए कहा कि बिहार की हर पार्टी भाजपा के साथ आ चुकी है, लेकिन कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं आई और ना आएगी.
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उन्होंने अपनी बातों की शुरुआत अपने पार्टी बदलने की बात से की. उन्होंने कहा कि जब कोई दूसरे परिवार में जाता है, तो लोग कहते हैं एडजस्ट करने में वक्त लगेगा. लेकिन कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जो सभी को गले से लगाती है. मुझे नहीं लगा कि मैं दूसरे परिवार से आया हूं.
देखें कन्हैया कुमार ने सदाकत आश्रम में क्या कहा... 'बिहार परिश्रम की धरती है. बिहार तपस्या की भूमि है. बिहार ज्ञान की भूमि है. इसके बावजूद लोग हमें बिहारी एक गाली के रूप में कहते हैं. लेकिन बिहारी होने का मतलब गाली नहीं गौरव है. हां हम कहते हैं, बाहर हम आपके लिए घर बनाते हैं. सब्जियां बेचते हैं. आपके फैक्ट्री में काम करते हैं. आपका कचरा उठाते हैं. और जब आपका मन करता है आप हमें गोली भी मार देते हैं. हमें अब बिहार को देखना है. जब बिहार के लोग अभी इलाज के लिए बाहर जाते हैं. पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं. कमाई के लिए भी बाहर जाते हैं. लेकिन यहां के नेता हमसे वोट मांगने घर पर आते हैं. हम ऐसे नेता को क्यों वोट दें. मैं तो कहता हूं, ऐसे नेता को घर से भगा देना चाहिए. मैं चाहता हूं कि बिहार के लोग गर्व महसूस करें. जहां जाएं, लोग कहें कि आइये बैठिए आप बिहार की धरती से आए हैं.'-कन्हैया कुमार, स्टार प्रचारक, कांग्रेस
कन्हैया कुमार ने कांग्रेस पार्टी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि इस पार्टी में सहिष्णुता है. जय सरदार, जय भीम, जय हिंद भी बोल सकते हैं. यह इस पार्टी की खासियत है. हम सबको लेकर चलते हैं. यह देश विविधता में एकता वाला देश है. यह विविधता को कोई लेकर चल सकता है, तो वह बगीचा कांग्रेस पार्टी है.
उन्होंने कहा यह बिहार की धरती है. हमें गुजरात से बीजेपी को हटाना है, तो पहले बिहार से हटाना होगा. क्योंकि गुजरात में मोहन दास करमचंद गांधी जन्मे थे. वे जब बिहार आए तो वे महात्मा बन गए. यह वैसी धरती है, जिसको लिखे बगैर कोई इतिहास पूरा नहीं होगा. उन्होंने अपनी बातों को खत्म करने से पहले अपनी साख मजबूत करने की बात कह दी. उन्होंने कहा कि हम किसी की लकीर नहीं मिटाएंगे, हम अपनी लकीर खीचेंगे.
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