पटना:बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पांच अक्टूबर गुरुवार को बिहार दौरे पर हैं. बापू सभागार में कैलाशपति मिश्र की 100वीं जयंती पर बोलते हुए उन्होंने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके साथ ही केंद्र की उपलब्धियों को भी गिनाया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 9 महीने में दूसरी बार बिहार का दौरा कर रहे है. एक महीने में अमित शाह के बाद दूसरे बड़े नेता हैं जिनका कार्यक्रम बिहार में आयोजित हुआ है.
बीजेपी नेताओं का लगातार हो रहा दौराः बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. नीतीश कुमार के बाहर निकलने के बाद से एनडीए के पास लोकसभा की 23 सीटिंग सीट है. 2019 में जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे तो 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली थी. अब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ हैं, इसलिए बीजेपी की चुनौती बढ़ी हुई है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इसलिए बीजेपी के बड़े नेता लगातार बिहार में कार्यक्रम कर रहे हैं. इधर, महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि अमित शाह हो या जेपी नड्डा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितना भी दौरा कर ले कुछ होने वाला नहीं है.
भाजपा की नजर अपर कास्ट वोट बैंक पर: राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि 2024 का चुनाव जब सामने है तब बीजेपी को कैलाशपति मिश्र की याद आयी है. कैलाशपति मिश्र बीजेपी के संस्थापक नेताओं में से एक माने जाते हैं. लेकिन, उनकी जयंती के मौके पर पहली बार बीजेपी की तरफ से बड़ा कार्यक्रम किया गया है. जिसमें, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए हैं. कैलाशपति मिश्र की जयंती के सहारे भाजपा की नजर अपर कास्ट वोट बैंक पर है. क्योंकि, कैलाशपति मिश्र अपर कास्ट के बड़े नेताओं में से एक माने जाते रहे हैं.
बिहार में कैंप कार्यालय बना ले भाजपाः महागठबंधन के प्रमुख घटक दलों के नेताओं का इन कार्यक्रमों पर नजर है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि कैलाशपति मिश्र के अंतिम समय में नीतीश कुमार ने ही उनके परिवार के लोगों का ध्यान रखा था. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे तो कैलाशपति मिश्र के गांव को गोद लिए थे लेकिन वहां जो पेड़ लगा था वह भी सूख गया. इसलिए बीजेपी के नेताओं के दौरे का कोई असर होने वाला नहीं है. बेहतर होगा कि बिहार में कैंप कार्यालय ही बना लें.
भाजपा नेताओं के दौरे का कोई असर होने वाला नहीं हैः कांग्रेस के प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि चाहे जेपी नड्डा का दौरा हो या अमित शाह का या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ जाए अब कोई असर होने वाला नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा ने जो वादा किया था कुछ भी पूरा नहीं किया है. इंडिया गठबंधन अब सशक्त हो चुका है.
"बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे पर ही पिछले दो दशक से बीजेपी चुनाव लड़ती रही है, अब नीतीश कुमार दूसरे पाले में हैं तो उनके लिए सीटिंग सीट बचाना एक बड़ी चुनौती है. बिहार में तो महापुरुषों की जयंती अब जाति के आधार पर ही मनाई जाती है. कैलाशपति मिश्र अपर कास्ट के बड़े चेहरे हैं और इसलिए उनका जयंती भव्य तरीके से मना कर अपर कास्ट को एक मैसेज देने की कोशिश हुई है."- अरुण पांडे, राजनीतिक विश्लेषक
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