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सरकार की 'नो वर्क-नो पे' की चेतावनी के बाद भी नहीं माने जूनियर डॉक्टर्स, हड़ताल जारी - Bihar government strict on strike

बिहार में जूनियर डॉक्टर्स की स्टाइपेंड वृद्धि की मांग को लेकर लगातार चौथे दिन भी हड़ताल जारी रही. पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर के डेलिगेशन और अधीक्षक के बीच बातचीत भी विफल रही. जिसके बाद अधीक्षक ने कहा कि अगर जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर बने रहेंगे तो कार्रवाई की जाएगी.

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल

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Published : Dec 26, 2020, 11:02 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 3:58 PM IST

पटना: बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही है. शनिवार के दिन लगातार चौथे दिन प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर बने रहे. नतीजतन जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के 5वें दिन भी इसके खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी

हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर्स
डॉक्टरों के हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेजों में प्रभावित हो रही चिकित्सीय सेवा को ध्यान में रखते हड़ताल को खत्म करने को लेकर पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के डेलिगेशन के बीच वार्ता भी बेनतीजा रही. इलस दौरान जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार की तरफ से जब तक उनकी मांगों को लेकर लिखित में कोई आश्वासन नहीं आता है, वह हड़ताल पर बने रहेंगे.

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल

बातचीत से नहीं बनी बात
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने बताया कि जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के डेलिगेशन के साथ उनकी बैठक हुई और महाविद्यालय में अनुशासनिक समिति की बैठक भी की गई. इस दौरान जूनियर डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने की अपील की और कहा कि उन्हें एक महीना का समय दें वह खुद जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में आवाज उठाएंगे.

हड़ताल पर बिहार सरकार की सख्ती
पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने बताया कि जूनियर डॉक्टर्स को सरकार के आदेश के अनुकूल साफ चेतावनी दे दी है कि अगर वह हड़ताल पर बने रहेंगे तो उनके खिलाफ सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप उचित कार्रवाई की जाएगी. जूनियर डॉक्टर अगर ओपीडी काउंटर बंद कराने या फिर किसी अन्य चिकित्सा सेवा को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अगर सिर्फ हड़ताल या कार्य बहिष्कार पर रहते हैं तो उन पर 'नो वर्क नो पे' नियम लागू किया जाएगा

  • जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल पर बिहार सरकार सख्त
  • स्टाइपेंड से 'नो वर्क-नो पे’ के आधार पर होगी कटौती
  • चिकित्सीय सेवा बाधित करने पर होगी कानूनी कार्रवाई
    अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमराई

अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमराई
पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. जिसके बाद डॉक्टरों की कमी को देखते हुए पीएमसीएच के अधीक्षक ने आनन फानन में जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखकर 50 डॉक्टरों की उपलब्धता कराने की मांग की थी. जिस पर स्वास्थ्य समिति ने भी डॉक्टरों की उपलब्धता करा दी है. शनिवार के दिन 17 डॉक्टरों ने ड्यूटी ज्वॉइन की है और सोमवार तक सभी 50 डॉक्टर पीएमसीएच को ज्वाइन कर लेंगे.

पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. विमल कारक

'जूनियर डॉक्टरों की स्ट्राइक के कारण अस्पताल के चिकित्सीय सेवा में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और सभी विभाग में सीनियर डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज के प्रोफ़ेसर ड्यूटी कर रहे हैं और मरीजों को देख रहे हैं. सभी विभाग सुचारु रुप से कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार के दिन ओपीडी में 950 पर्ची कटी है और मरीजों को चिकित्सकों ने देखा भी है'- डॉ. विमल कारक, अधीक्षक, पीएमसीएच

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल

जूनियर डॉक्टर्स मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की बात पर अड़े हैं. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार ने ही जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन को भरोसा दिलाया था कि हर तीन साल पर उनकी स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की जाएगी. इस आदेश के अनुसार इस साल के जनवरी महीने में ही स्टाइपेंड में वृद्धि होनी थी, लेकिन अब तक ये बढ़ोतरी नहीं हुई है.

Last Updated : Dec 28, 2020, 3:58 PM IST

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