पटना: आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि पिछले 6 सालों से अजय प्रताप नाम का एक शख्स विश्वविद्यालय में इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर नौकरी कर रहा है. उसकी डि्ग्रियां अवैध हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब दूसरे व्यक्ति संतोष कुमार ने उसके खिलाफ जांच की मांग की.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट मगध विश्वविद्यालय और सिक्किम मणिपाल से ली हुई डिग्रियों की जांच की गई तो सभी यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच में उसे अवैध बताया. मगध यूनिवर्सिटी से एमएससी मैथ्स की सर्टिफिकेट में रजिस्ट्रेशन नंबर 3102 अंकित है जो दरअसल अजय प्रताप की नहीं बल्कि किसी राजीव रंजन के नाम पर है.
कुलपति ने दर्ज करवाई FIR
पूरे मामले में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ने स्थानीय थाना जक्कनपुर में फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवाई है. इसके बावजूद अभी तक न उसे यूनिवर्सिटी से पदमुक्त किया गया है और न ही वेतन रोकने का आदेश दिया गया है.
कोर्ट में पहुंचा मामला
इसको लेकर शिकायतकर्ता संतोष ने हाईकोर्ट की शरण ली है. शिकायतकर्ता ने कोर्ट को पूरे मामले से अवगत करवाते हुए कार्रवाई की मांग की है. वहीं, हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए अगले 24 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख दी है. साथ ही, यूनिवर्सिटी को भी नोटिस भेजा है.
6 सालों तक देता रहा चकमागौरतलब है कि आरोपी अजय प्रताप पिछले 6 वर्षों से इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेजेस के पद पर कार्यरत था. 2 साल रजिस्ट्रार के पद पर भी कार्यरत रहा. इसके बावजूद किसी को भनक नहीं लगी. अब मामला सामने आने के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इससे शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.