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अगर कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट हो जाए तो अन्यथा मत लीजिए-मांझी - political statement

शरद यादव ने मधेपुरा में अपनी सभा में कहा था कि अगर एनडीए सरकार दोबारा बनती है तो उनकी जान को खतरा होगा.

जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार

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Published : Apr 16, 2019, 12:27 PM IST

पटनाः मधेपुरा में शरद यादव द्वारा दिए गए बयान पर जीतन राम मांझी ने कहा कि वह काफी अनुभवी नेता है और सोच समझ कर बोलते हैं. अगर उन्होंने कहा है कि एनडीए से उनकी जान को खतरा है तो उसमें कोई बात जरूर होगी. वहीं, योगी आदित्यनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई मामले पर उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ भड़काऊ बयान देने में माहिर है. अगर आयोग ने कार्रवाई की है तो सराहनीय है. जबकि मायावती और आजम खान पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.

दरअसल, शरद यादव ने मधेपुरा में अपनी सभा में कहा था कि अगर एनडीए सरकार दोबारा बनती है तो उनकी जान को खतरा होगा. इस पर पटना एयरपोर्ट पर जीतन राम मांझी ने कहा कि शरद यादव काफी अनुभवी और मैच्योर पॉलीटिशियन है. हो सकता है यह सही हो. यह उनका व्यक्तिगत मामला है. समाजवाद और सामाजिक न्याय के बारे में जो बोलता है उनको सांप्रदायिक शक्तियों और राष्ट्रवाद का झूठा प्रचार करने वालों से खतरा रहता ही है.

बयान देते जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम बिहार

शकील अहमद पर क्या बोले मांझी
मधुबनी सीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद के निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन बहुत मजबूत है. कई जगहों पर फ्रेंडली फाइट हो जाए तो उसको अन्यथा नहीं लिया जाएगा. चुनाव जीतने के बाद सभी का एक ही उद्देश्य रहेगा की किसी ना किसी रूप में एनडीए को आगे आने नहीं दे. वैसी परिस्थिति में अगर वह लड़ते हैं तो चाहे बिहार का मामला हो या झारखंड का मामला हो 2 या 4 सीटों पर फ्रेंडली फाइट भी हो सकती है. इसको महागठबंधन की कमजोरी के रूप में नहीं देखना चाहिए.

'भड़काऊ भाषण देते हैं योगी'
चुनाव आयोग द्वारा योगी आदित्यनाथ और मायावती पर की गई कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर यह बात है तो हम उनके वक्तव्य को देखेंगे. उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि योगी आदित्यनाथ निश्चित रूप से भड़काऊ भाषण देते हैं, जिससे समाज में बिखराव की बात आती है. योगी आदित्यनाथ शुरू से ही भड़काऊ भाषण देते हैं और उन्हें विकास से कोई मतलब नहीं है. अगर उन पर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई की है तो हम समझते हैं कि यह उचित है.

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