पटना: बिहार की राजधानी पटना का सियासी पारा हमेशा गर्म रहता है, चाहे मुद्दा कुछ भी हो. हमेशा कोई न कोई तल्ख टिप्पणी सुर्खी बन जाती है. इसी कड़ी में अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जेएनयू विवाद पर बयान (Jitan Ram Manjhi statement on JNU controversy) दिया की है. ब्राह्मणों पर जेएनयू में जिस तरह की बातें दीवार पर लिखी गई है. उस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि जेएनयू में ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी को उतना ही गलत मानता हूं, जितनी मनु स्मृति में दलितो, पिछड़ों और आदिवासी के बारे में लिखा गया है.
जेएनयू विवाद में कूदे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, कहा..'JNU का स्लोगन उतना ही गलत, जितनी मनुस्मृति की बातें' - Jitan Ram Manjhi tweet on JNU controversy
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने JNU विवाद पर ट्वीट (Jitan Ram Manjhi tweet on JNU controversy ) कर ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी को उतना ही गलत ठहराया, जितना मनुस्मृति में दलितों के बारे में लिखा गया है. पढ़ें पूरी खबर..
पूर्व मुख्यमंत्री ने मनुस्मृति पर साधा निशानाः जीतन राम मांझी ने कहा कि मनुस्मृति में दलितों को लेकर जो बातें की गई है. उससे जेएनयू की टिप्पणी कम ही है. गौरतलब हो कि जीतन राम मांझी लगातार मनु स्मृति में जो दलित आदिवासी को लेकर की गई बातों पर निशाना साधते और ब्राह्मण विराेधी बात करते नजर आते हैं. इस बार जेएनयू में जो ब्राह्नणों को लेकर टिप्प्णी की गई है, उस पर भी उन्होंने अपना तर्क दिया है और साफ साफ कहा है कि मनुस्मृति को आप देख लें. उससे पता चल जाएगा कि मनुस्मृति में किस तरह से दलित और आदिवासी को लेकर टिप्पणी की गई है.
जेएनयू विवाद पर मांझी ने ट्वीट कर दिया बयानः जेएनयू में ब्राह्मणों को लेकर जो टिप्पणी की गई है. उस पर बेबाक रूप से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट किया है और साफ-साफ कहा है कि मनुस्मृति में जो दलित आदिवासी के लिए कहा गया है उसको भी एक बार लोगों को देखना चाहिए. कुल मिलाकर देखें तो एक बार फिर से जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर बड़ा बयान दिया है. मनुस्मृति का हवाला देते हुए उन्होंने घूमा फिरा कर फिर से ब्राह्मणों पर ही तंज कसा है. इससे पहले भी ब्राह्मणों को लेकर उन्होंने कई तरह के बयान दिए थे. जिसका विरोध राजधानी पटना में हुआ था.
"जेएनयू में ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी को मैं उतना ही गलत मानता हूं, जितना मनुस्मृति में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के बारे में लिखा गया है"- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री