पटनाः बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की शराबबंदी को खुली चुनौती दी है. मांझी ने मीडिया को संबोधित करते हुए घोषणा की है कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो वे शराबबंदी को खत्म कर देंगे और पूरी तरह से छूट दे देंगे. उन्होंने कहा कि शराब बंद करने से अच्छा लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे.
"शराबबंदी के कारण अनुसूचित जाति के अधिकांश गरीब और दलित लोग जेल में हैं. इसलिए हम कहना चाहते हैं कि मद्य निषेध दोषपूर्ण हैं. उसे ठीक से लागू नहीं किया गया. इसे वापस लिया जाए. हम घोषणा कर रहे हैं कि अगर आगे के दिनों में हमलोगों की सरकार आएगी तो या गुजरात मॉडल मद्य निषेध कानून लाएंगे या पूरी तरके से पाबंदी हटा देंगे. पहले भी तो शराब चालू था. बंद करने के बदले हम लोगों को शिक्षित करेंगे."-जीतनराम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
गुजरात मॉडल का उदाहरणः जीतनराम मांझी ने कहा कि शराबबंदी के कारण कई दलित और गरीब लोग जेल में हैं. उन्होंने गुजरात मॉडल का उदाहरण दिया. कहा कि या तो गुजरात मॉडल की तरह बिहार में शराबबंदी लागू होगा या फिर पूरी तरीके से पाबंदी हटा दी जाएगी. NDA में होते हुए जीतन राम मांझी की इस घोषणा से भाजपा में भाजपा नेताओं में खलबली मच गई है.
'नीतीश के खिलाफ दिल्ली में देंगे धरना': शनिवार को जीतनराम मांझी पटना में मीडिया को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ धरना देने की बात कही. कहा कि 5 दिसंबर को अपने कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देंगे और नीतीश कुमार स्वाहा (हवन) करेंगे. इसके बाद 24 दिसंबर को पटना के मिलर स्कूल में अनुसूचित जाति के लोगों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
'दलित विरोधी हैं नीतीश कुमार': इस दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं. यही कारण है कि प्रमोशन में आरक्षण को लेकर जब सवाल किया तो भड़क गए. मांझी ने भीम संसद को याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह से दलित कोटे से आने वाले मंत्री रत्नेश सदा पर नीतीश कुमार भड़क गए, इससे समझ लीजिए कि दलितों के लिए कितना प्रेम उनके मन में है?
नीतीश कुमार से क्यों नाराज हैं मांझी? दरअसल, जीतन राम मांझी नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. हम पार्टी को जदयू में विलय करने की बात पर अपने बेटे सहित खुद महागठबंधन से अलग हो गए. विधानसभा शीतकालीन सत्र में जब जीतन राम मांझी ने आरक्षण की मांग उठायी थी तो नीतीश कुमार भड़क गए थे. खूब तू-तू मैं-मैं हुआ था. सीएम ने कहा था कि 'मेरी मुर्खता के कारण यह आदमी मुख्यमंत्री बना'. इस व्यवहार के बाद मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं.