पटना:बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग को लेकर मांझी लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं, पर नतीजा कुछ नहीं निकला.
बिना पतवार के मांझी को नाव की तलाश, लॉकडाउन ने किया मंसूबों को LOCK! - महागठबंधन से नाराज जीतन राम मांझी
चुनावी साल में महागठबंधन में तकरार देखने को मिल रहा है. जीतन राम मांझी लगातार को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग को लेकर अड़े हुए हैं.
हम प्रमुख जीतन राम मांझी के अल्टीमेटम की मियाद भी पूरी हो चुकी है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनके मंसूबे अधर में हैं. कई दौर के बैठक के बाद भी मामला सुलझा नहीं है. इन सबके बीच पार्टी ने जीतन राम मांझी को फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया है. लेकिन लॉकडाउन के वजह से जीतन राम मांझी अनिर्णय की स्थिति में हैं.
लॉकडाउन के बाद होगा अंतिम फैसला
हम पार्टी के प्रवक्ता रामविलास पासवान ने कहा है कि अभी राज्य के सामने संकट है. कोरोना और बाढ़ की स्थिति है. लोग परेशान हैं. हालात सामान्य होने के बाद जीतन राम मांझी जरूर कोई अंतिम फैसला लेंगे. वहीं, भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने कहा है कि हर आदमी को राजनीति में फैसला लेने का अधिकार है. जीतन राम मांझी अगर महागठबंधन में नाराज हैं तो वह भी फैसला ले सकते हैं. अब उनको तय करना है वह किस खेमे में जाएंगे.