पटनाः बिहार सरकार ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक की बहाली की थी. जिसमें उच्चतर माध्यमिक शिक्षा वाले विद्यालय में कुल 4203 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए थे. लेकिन अब बिहार सरकार इन अतिथि शिक्षक को नहीं रखना चाहती है और यही कारण है कि शिक्षा विभाग ने उन्हें समायोजित करने से मना कर दिया है.
शनिवार को अतिथि शिक्षक अपनी समायोजन की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं, उनके भूख हड़ताल में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी पहुंच गए है.
अतिथि शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर बैठे भूख हड़ताल पर
अतिथि शिक्षक के भूख हड़ताल में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हम इनके मांग का समर्थन करते हैं. बिहार में जितने भी अतिथि शिक्षक बहाल हुए थे. वह काफी क्वालिफाइड हैं और उनके बहाल होने के बाद कई स्कूल में अच्छी पढ़ाई होने लगी थी. लेकिन पता नहीं सरकार को क्या हो गया है. इन लोगों को हटाने की बात कर रहा है. निश्चित तौर पर इन लोगों की मांग जायज है और हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इन लोगों की मांग को लेकर बात करेंगे.
अतिथि शिक्षकों की भूख हड़ताल में पहुंचे जीतन राम मांझी जीतन राम मांझी ने अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री से ही नहीं, उसके आगे भी अगर जाना पड़ेगा, राज्यपाल से राष्ट्रपति से मिलना पड़ेगा. इन लोगों की समस्या को लेकर वहां मिलेंगे. वहीं, अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया और साफ साफ कहा कि इनके रहने से बिहार की शिक्षा के स्तर में और ज्यादा सुधार होगा.