जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुहिम चला रहे हैं. इस क्रम में नीतीश कुमार ने दिल्ली, बंगाल, यूपी, उड़ीसा, झारखंड का दौरा किया था. तमाम नेताओं से बात करने के बाद 23 जून को पटना में बैठक (opposition parties Meeting in Bihar) होना तय हुआ है. लेकिन, नीतीश कुमार की इस कवायद को घर में ही झटका लग सकता है.
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मांझी को न्योता नहींः इस बैठक में शामिल होने के लिए महागठबंधन के साथी 'हम' के संरक्षक जीतनराम मांझी को आमंत्रित नहीं किया गया है. बताया जाता है कि इससे मांझी नाराज हैं. हालांकि जीतन राम मांझी ने बैठक में आमंत्रित नहीं किये जाने के बाबत कहा कि उनके नेता नीतीश कुमार हैं, और जब वो इसमें शामिल हैं तो इससे क्या फर्क पड़ता है कि वो इसमें शामिल रहें या नहीं रहें. लेकिन, बातों ही बातों में मांझी ने यह कहकर नाराजगी जाहिर कर दी कि वो लोकसभा चुनाव में एक भी सीट पर चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं.
''विपक्षी दलों को एकजुट करने में नीतीश कुमार लगे हुए हैं. 23 तारीख को एक से एक विपक्षी दल के नेता जुट रहे हैं. हम समझते हैं कि कामयाबी मिलेगी. विपक्षी एकता गठित होगी. हमारे नेता नीतीश कुमार हैं और वही जब इसमें जा रहे हैं तो सब कुछ है. हम रहे या ना रहें, क्या फर्क पड़ता है''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री सह हम पार्टी के संरक्षक
ये रिश्ता क्या कहलाता है: गौरतलब हो कि जीतन राम मांझी लगातार बयान देकर नीतीश कुमार को असहज कर देते हैं. जीतन राम मांझी ने कई मौकोंं पर अपने बेटे व बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन के विभाग छीन लिये जाने का विरोध भी किया है. हालांकि इस दौरान यह कहते हुए भी नहीं थकते हैं कि उनके नेता नीतीश कुमार ही हैं. अब हंसते-हंसते यह कह देना कि हम लोकसभा चुनाव नही लड़ेंगे कई सवाल खड़े कर रहे हैं. इससे पहले मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने कहा था कि उनकी पार्टी 4 से 5सीट पर चुनाव लड़ेंगी.