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राज्यपाल कोटे से जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को विधान परिषद में मिलेगी हिस्सेदारी!

राज्यपाल कोटे से विधान परिषद की 12 सीटों के लिए मनोनयन होना है. भाजपा और जदयू के बीच हिस्सेदारी को लेकर बातचीत का दौर जारी है. इन सबके बीच हम पार्टी ने एक एमएलसी सीट के लिए दावेदारी की है. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा का नाम भी सुर्खियों में है.

Vijay yadav and ajay alok
विजय यादव और अजय आलोक

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Published : Jan 9, 2021, 10:52 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं. इसे लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हैं. वहीं, विधान परिषद के लिए राज्यपाल कोटे से होने वाले 12 सीटों के मनोनयन को लेकर हम पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं.

हम की ओर से कहा गया है कि विधान परिषद कि एक सीट पार्टी को मिलनी चाहिए. नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के दौरान इसका वादा किया था. हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा की नीतीश कुमार से नजदीकियां बढ़ी हैं. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात भी हुई है. संभव है कि नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण साधने के लिए उपेंद्र कुशवाहा को विधान परिषद भेजें.

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2 सीटों के लिए होगा चुनाव
फिलहाल 2 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार मुकेश सहनी और अशोक चौधरी को खाली हुए सीट पर भेजा जा सकता है. राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन में रालोसपा और हम के खाते में एक-एक सीट जा सकती है. हालांकि इसपर भाजपा की सहमति जरूरी है.

हम ने एक सीट पर ठोका दावा
हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा "विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद एक एमएलसी सीट हम के खाते में जाएगी. हमें उम्मीद है कि नीतीश कुमार अपना वादा पूरा करेंगे."

उपेंद्र कुशवाहा की एंट्री को लेकर जदयू नेता असमंजस की स्थिति में हैं. जदयू नेता अजय आलोक ने कहा "उपेंद्र कुशवाहा एनडीए का हिस्सा होंगे या नहीं इस पर पार्टी कि कोई अस्पष्ट राय नहीं है. ना ही विधान परिषद भेजे जाने को लेकर कोई जानकारी हमारे पास है." वहीं, जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि भाजपा किसी भी स्थिति में अपने हिस्से की एमएलसी सीट दूसरे दलों के लिए नहीं छोड़ेगी.

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