पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके लिए अब एक साल से भी कम वक्त बचा है. बिहार में मुख्य विपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव के सामने एक बड़ी चुनौती है. झारखंड विधानसभा चुनाव में आरजेडी की प्रतिष्ठा दांव पर है. पार्टी की तमाम बागडोर तेजस्वी के हाथ में है. ऐसे में असल चुनौती तेजस्वी यादव के लिए मानी जा रही है.
इधर, लालू यादव चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं. झारखंड में कई प्रमुख नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. ऐसे में झारखंड विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर चुनाव लड़ रहे आरेजडी की पूरी जिम्मेदारी तेजस्वी यादव संभाल रहे हैं.
आलोक कुमार मेहता, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के लिए एक चुनौती
तेजस्वी लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं और उनकी कोशिश है कि सभी सात सीटों पर आरजेडी के प्रत्याशियों की जीत हो. कहीं ना कहीं झारखंड विधानसभा चुनाव तेजस्वी के लिए भविष्य का रास्ता खोलेगा. क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों का बड़ा प्रभाव बिहार विधानसभा चुनाव पर भी देखने को मिलेगा.
BJP पर निशाना
आरजेडी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार मेहता भी मानते हैं कि तेजस्वी यादव के लिए ये बड़ी चुनौती है. हालांकि वे सीधा निशाना बीजेपी पर साध रहे हैं. आलोक मेहता कहते हैं कि सरकार की फिलहाल मंशा है कि विपक्ष नाम की कोई चीज रहे ही नहीं. विपक्ष का अस्तित्व मिटाने की कोशिश हो रही है, लेकिन फिर भी उन्हें विश्वास है कि जनता बीजेपी के इरादे भांप चुकी है और झारखंड चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी.