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गांधी मैदान में 17 विभागों की झांकी का प्रदर्शन, शिक्षा विभाग को मिला प्रथम पुरस्कार

इस साल भी गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में आए दर्शकों के लिए झांकी विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रही. इस बार 17 विभागों की झांकी प्रदर्शित की गई. सबसे पहले नगर विकास और आवास विभाग की झांकी दिखाई गई.

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Published : Jan 26, 2020, 1:53 PM IST

jhanki  in patna gandhi maidan
गांधी मैदान में 17 विभागों की झांकी का प्रदर्शन

पटना:राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम के अंत में 17 विभागों की झांकी प्रदर्शित की गई. इसमें शिक्षा विभाग की झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला. वहीं उद्योग विभाग की झांकी महारथी शिव संस्थान दूसरे स्थान पर रही और पीएमसीएच में विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल बनाने की स्वास्थ्य विभाग की झांकी को तीसरा पुरस्कार मिला.

आकर्षण का केंद्र रही झांकियां
इस साल भी गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में आए दर्शकों के लिए झांकी विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रही. इस बार 17 विभागों की झांकी प्रदर्शित की गई. सबसे पहले नगर विकास और आवास विभाग की झांकी दिखाई गई. उसके बाद जीविका की झांकी दिखाई गई. उद्योग विभाग की झांकी के बाद मध निषेध उत्पाद और निबंधन विभाग की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी.

देखें ये रिपोर्ट

कई विभाग ने निकाली झांकियां
गांधी मैदान में चार विभागों की ओर से जल जीवन हरियाली थीम पर झांकी तैयार की गई थी. लेकिन एक भी विभाग की झांकी प्रथम तीन स्थान का पुरस्कार नहीं पा सकी. इसके साथ ही परिवहन विभाग, महिला विकास निगम, कृषि विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, स्वास्थ्य विभाग, पर्यटन विभाग निर्वाचन विभाग, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, पथ निर्माण विभाग, ब्रेडा, ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से भी झांकी प्रदर्शित की गई.

जल जीवन हरियाली पर बनाई गई झांकी


19 जनवरी को बनाई गई थी मानव श्रृंखला
बता दें जल जीवन हरियाली थीम की झांकी इस बार बिहार सरकार ने केंद्र को भी भेजा था. लेकिन केंद्र सरकार ने उसे रिजेक्ट कर दिया था. बिहार सरकार जल जीवन हरियाली अभियान पर 25 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने वाली है. 3 सालों तक मिशन मोड में यह अभियान चलेगा. इसको लेकर अभी 19 जनवरी को मानव श्रृंखला भी बनाई गयी थी. लेकिन आज चार विभाग की झांकियां होने के बाद भी एक भी पुरस्कार नहीं जीत पाई.

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