पटना: बिहार विभूति बाबू जगजीवन राम के नाम से संचालित छात्रावास योजना का केंद्र सरकार द्वारा नाम परिवर्तन किए जाने के विरुद्ध जदयू ने एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम (protest to Jagjivan Ram Hostel Scheme name change) रखा गया. पार्टी कार्यालय में अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला की अध्यक्षता में उपवास रखा गया. कार्यक्रम की शुरुआत बाबू जगजीवन राम के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गयी. इस अवसर पर रवीन्द्र प्रसाद सिंह, नीरज कुमार, विधान पार्षद सहित कई नेता मौजूद रहे.
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प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना: वक्ताओं ने कहा कि नाम बदलने में माहिर केंद्र सरकार अपने चाल-चरित्र और चेहरे के अनुरूप जगजीवन राम छात्रावास योजना का नाम बदल दिया. केन्द्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में तीन योजनाओं जगजीवन राम छात्रावास योजना, विशेष केंद्रीय सहायता योजना एवं प्रधानमंत्री पाम योजना को मिलाकर प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना बना दी. यही नहीं बल्कि इनके बजटीय आवंटन में 160 करोड़ रुपये की कमी कर दी गई.
छात्रवृति योजना बंदः जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाम से संचालित छात्रावास योजना को बंद कर दिया. इसके बाद कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए चलायी जा रही पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग छात्रवृति योजना बंद कर दी. उन्होंने कहा कि भाजपा की सांसद एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता की स्थायी समिति की अध्यक्ष रमा देवी ने 2 दिसंबर 2021 को बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना पर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. जिसमें कहा गया था कि बिहार में इस योजना ने बहुत बेहतर काम किया है.
जगजीवन राम छात्रावास योजना नहीं दीः नीरज कुमार ने कहा कि जैसे ही बिहार और पंजाब में दलितों की आबादी बढ़ी, दोनों राज्यों में एक भी बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना नहीं दी गयी. इसके बाद एक षडयंत्र के तहत इस योजना में तीन योजनाओं को मिलाकर नया नामकरण कर दिया गया. बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना में विशेष केन्द्रीय सहायता योजना और प्रधानमंत्री ग्राम योजना को शामिल कर इसका नाम प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना कर दिया गया.
बिहार के लिए एक भी प्रोजेक्ट नहींः वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने सीमित संसाधनों से ही अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए लगातार काम कर रहे हैं. जबकि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के तहत 2022-23 में अनुदान सहायता के लिए बनायी गयी 5513 प्रोजेक्ट की सूची में बिहार के लिए एक भी प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली. प्रस्तावित 42 छात्रावासों में बिहार के लिए एक भी नहीं थी. वर्ष 2021-22 में भी पूरे देश में कुल 880 में से एक भी परियोजना बिहार के लिए नहीं और न ही एक भी छात्रावास प्रस्तावित था.
"भाजपा को बाबू जगजीवन राम का नाम मिटाना था, इसीलिए सारी योजनाओं को मिलाकर एक नई योजना बना दी. सवाल यह उठता है कि इस योजना में भी बिहार को एक भी लाभ क्यों नहीं दिया गया"- प्रदेश प्रवक्ता, जदयू