पटना : बिहार में भाजपा और जदयू के बीच मजबूत गठबंधन के दावे किए जा रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार भी चल रही है लेकिन अरुणाचल प्रदेश में जदयू में टूट की घटना के बाद बिहार के बाहर जदयू ने भाजपा से दो-दो हाथ करने का फैसला ले लिया है. पार्टी की नजर अब बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश पर है.
जदयू ने पार्टी विस्तार का बनाया बड़ा प्लान
बिहार में जदयू और भाजपा के बीच मजबूत गठबंधन है लेकिन बिहार के बाहर दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं है. ऐसे में जदयू ने अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद रणनीतियों में बदलाव किया है. पार्टी अब बिहार के बाहर विस्तार में जुट गई है. खास तौर पर बिहार से सटे राज्यों में जदयू मजबूत पकड़ बनाना चाहती है.
जनता दल यूनाइटेड पश्चिम बंगाल और असम के बाद अब बिहार से सटे राज्य उत्तर प्रदेश में विस्तार की तैयारी कर रही है. कर्पूरी ठाकुर की जयंती के बहाने लखनऊ में जदयू अभियान की शुरुआत करेगी. 23 और 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर समारोह का आयोजन किया जाएगा. बिहार से सटे यूपी के कई जिलों में कुर्मी समुदाय की आबादी अच्छी खासी है. पार्टी की नजर उसी वोट बैंक पर है.
'सभी दलों को पार्टी विस्तार का अधिकार'
जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि आरसीपी सिंह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी विस्तार के लिए काम कर रही है. बिहार से बाहर भी हम पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम बीजेपी शासित राज्य ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी पार्टी के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख का मानना है कि जदयू के विस्तार से रिश्तों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हर पार्टी की अलग-अलग नीति होती है. अगर हमारी सहयोगी पार्टी मजबूत होगी, तो उसका फायदा गठबंधन को भी होगा.