पटना : 'टिकाऊ खेती, खुशहाल किसान' विषय पर जेडीयू(JDU) की ओर से वर्चुअल सम्मेलन (Virtual Conference on Agriculture ) का आयोजित किया गया. कार्यक्रम उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंहने किया. इस मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि किसान दाता हैं, याचक नहीं. वे केवल अन्नदाता ही नहीं, प्राणदाता और रोजगारदाता भी हैं. दुनिया की किसी फैक्ट्री ने ऐसी चीज नहीं बनाई कि आप बिना खाए जीवित रह जाएं. जैसे सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्रोत है, वैसे ही हमारे किसान अन्न और जीवन के अक्षय स्रोत हैं. हमें उनको धन्यवाद करना चाहिए और देश को सोचना चाहिए कि किसानों का सम्मान कैसे हो.
किसान भी पेंशन के हकदार
वर्चुअल सम्मेलन में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि आज अगर हमारा देश किसी मुल्क के आगे झुकता नहीं तो वो किसानों की बदौलत है. यहां तक कि कोरोना के मुश्किल दौर में भी देश के किसानों को साबित करके दिखाया है. इस दौर में किसी एक क्षेत्र में प्रगति देखने को मिली तो वो कृषि का क्षेत्र है. सीमा-सुरक्षा में लगे जवानों की तरह हमारे देश के किसान भी पेंशन के हकदार हैं.
'टिकाऊ खेती, खुशहाल किसान' सम्मेलन की मुख्य बातें : -
- किसान दाता है, याचक नहीं, देश सोचे कि किसानों का सम्मान कैसे हो.
- सीमा-सुरक्षा में लगे जवानों की तरह देश को खाद्यान्न सुरक्षा देने वाले किसानों को भी मिले पेंशन.
- देश के हर नागरिक की थाली में बिहार का कोई एक व्यंजन हो” के लक्ष्य पर काम कर रही हमारी सरकार.
- बिहार एकमात्र प्रदेश जिसने रेनबो रिवोल्यूशन की बात की.
- खेती में बिहार को अव्वल बनाना उद्देश्य
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विकसित प्रदेश बनाना लक्ष्य
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार एक विकसित प्रदेश बने. यह तभी संभव होगा जब हम सभी मिलकर रहेंगे. खेती में बिहार को अव्वल बनाएंगे. खेती तभी टिकाऊ होगी जब उसकी निरंतरता बनी रहे, फसल का पोषक तत्व बना रहे और वो लाभप्रद हो. हम अपने नेता के आभारी हैं कि उन्होंने कृषि के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व फैसले लिए हैं. आज हमारी सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लक्ष्य पर काम कर रही है. 24 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत वाली जल-जीवन-हरियाली जैसी महत्वाकांक्षी योजना उन्हीं की दूरदर्शी सोच का परिणाम है.