पटनाःपेगासस जासूसी कांड (Pegasus Detective Scandal) को लेकर इस समय देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. पेगासस बनाने वाली कंपनी के द्वारा जारी रिपोर्ट के बाद तमाम विपक्षी दल इस समय सरकार पर हमलावर हैं. सड़क से संसद तक हंगामा हो रहा है. बिहार में भी कांग्रेस के द्वारा सरकार का जबरदस्त विरोध किया जा रहा है. पटना में कांग्रेस ने राजभवन मार्च निकाला, जिसपर जदयू ने निशाना साधा है.
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"फोन टैपिंग का इतिहास कांग्रेस के नाम रहा है. इसलिए फोन टैपिंग को लेकर कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. कांग्रेस तो फोन टैपिंग के मामले में महारत हासिल की हुई है. सरकार गिराने में भी कांग्रेस की भूमिका रही. वर्तमान सरकार ने भी साफ कहा है कि फोन टैपिंग का कोई साक्ष्य नहीं है. कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए मुद्दा तलाशने का काम कर रही है."- अरविंद निषाद, प्रवक्ता जदयू
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गुरूवार को फोन टैपिंग मामले (Pegasus Phone Tapping Case) को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसी नेताओं ने राजभवन मार्च निकाला. मार्च के दौरान कांग्रेसी नेताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा की मांग भी की. कांग्रेस पार्टी के 6 नेताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा.
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पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.