पटना:रविवार को संपूर्ण क्रांति दिवस पर नीतीश सरकार के कामकाज को लेकर महागठबंधन ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया (Mahagathbandhan Released Report Card) है. 'लुटेरी सरकार, परेशान बिहार' (Looteri sarkar pareshan Bihar) के नाम से जारी आरोप पत्र में दावा किया गया है कि एनडीए सरकार के शासनकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था गर्त में चली गई है. वहीं, कानून व्यवस्था ध्वस्त है. जबकि बेरोजगारी चरम पर है. महंगाई का महाप्रकोप जारी है. शिक्षा का बंटाधार हो गया है. अब इस पर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा(JDU State President Umesh Kushwaha) ने विपक्ष पर पलटवार किया है. उन्होंने रिपोर्ट कार्ड को गुमराह करने वाला और झूठ का पुलिंदा बताया है.
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न्याय के साथ विकास: उमेश कुशवाहा ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के शासन की बागडोर संभाली है, तब से प्रदेश में न्याय के साथ विकास और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में जहां चलने लायक एक भी सड़क नहीं मिलती थी, वहां मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में आज पूरे बिहार में उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का जाल बिछ चुका है. हजारों की संख्या में पुल, पुलिया, फ्लाईओवर आदि का निर्माण हुआ है. बिहार में कई फोरलेन सड़कें बनीं, गंगा व कोसी पर महासेतु बनाने के साथ ही रोजगार बढाने वाले विकास के काम हुए हैं.
सैकड़ों योजनाओं पर काम: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज भी सैकड़ों योजनाओं पर काम चल रहा है. 2005 के बाद प्रदेश में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षण संस्थान खोले गए हैं. इंजीनियरिंग काॅलेज व मेडिकल काॅलेज की संख्या में जो वृद्धि हुई है, वह किसी से छिपी हुई नहीं है. जबकि पहले प्रदेश में गिने-चुने मेडिकल और इंजीनियरिंग काॅलेज थे. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री की ओर से गए अनगिनत कार्यों को बाद में कई अन्य राज्यों ने अंगीकार किया है. प्रदेश में पिछले 16 वर्षों से सभी धर्म और जाति के लोग आपसी सद्भाव के साथ रह रहे हैं, कहीं भी कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण पूरे प्रदेश में बना रहा.
इथेनाॅल नीति की देशभर में प्रशंसा:मुख्यमंत्री ने कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है, जिसकी बदौलत प्रदेश के किसानों की मासिक औसत आय दोगुनी से भी ज्यादा हुई है. स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में जो आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं, वो बिहार में हुए विकास की कहानी को स्वयं बयां करते हैं. स्थिर कीमतों के आधार पर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2004-05 में जहां मात्र 7467 रुपए थी. वहीं वर्ष 2019-20 में 4 गुना से भी अधिक वृद्धि के साथ 30621 रुपए पर पहुंच गई है. बिहार के इथेनाॅल नीति की आज पूरे देश में प्रशंसा हो रही है और बड़ी संख्या में निवेशक बिहार का रुख कर रहे हैं लेकिन कुछ लोग इथेनाॅल नीति का भी विरोध कर रहे हैं.
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