जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पटनाः जनता दल यूनाइटेड में कुछ ठीक नहीं है. जदयू के पूर्व नेता और RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के बयान के तुरंत बाद असर दिखने लगा है. बुधवार को सीएम नीतीश कुमार के करीबी नेता और जदयू प्रवक्ता रणवीर नंदन ने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है. रणवीर ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को अपना पद छोड़ने का पत्र सौंपा है. दूसरी ओर जदयू की ओर से भी रणवीर को निष्कासित करने का लेटर जारी कर दिया गया है.
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रणवीर नंदन ने दिया इस्तीफा : बता दें कि एक दिन पहले जदयू प्रदेश महासचिव राजू गुप्ता ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था. हालांकि इनकी घोषणा के बाद पार्टी की ओर से उन्हें भी निष्कासित कर दिया गया था. अब जब जदयू प्रवक्ता रणवीर नंदन ने ललन सिंह को इस्तीफा सौंपा है तो उन्हें भी जदयू की ओर से निष्कासित कर दिया गया है. इसको लेकर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने लेटर जारी किया है. हालांकि किसने पहले लेटर लिखा यह तो अंदर की बात है.
"रणवीर नंदन पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे थे. इसलिए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. जो पार्टी का विचारधारा है, रणवीर उसके ठीक विपरित काम कर रहे थे. इसलिए यह फैसला लिया गया है."-उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा उपेंद्र कुशवाहा का दावा सच निकला! बुधवार को उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि जदयू की नैया पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार करना संभव नहीं है. उन्होंने दावा किया कि जदयू नेता उनके संपर्क में है. पार्टी में टूट निश्चित है. भाजपा नेता सुशील मोदी भी दावा कर चुके हैं. उपेंद्र कुशवाहा के बयान के तुरंत बाद जदयू प्रवक्ता रणवीर नंदन का पार्टी से बाहर होना दावा सच दिखने लगा है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि रणवीर ने पहले इस्तीफा दिए या फिर जदयू की ओर से निष्कासित किए गए हैं.
कई नेता दे चुके हैं इस्तीफाः बता दें कि रणवीर जदयू के पहले नेता नहीं है, जिन्होंने पार्टी के पद से इस्तीफा दिए हैं. इससे पहले नीतीश कुमार के करीबी मानें जाने वाले कई नेता इस्तीफा दे चुके हैं. इसकी शुरुआत आरसीपी सिंह से हुई थी. आरसीपी जदयू का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी अलग पार्टी बना ली. कुछ दिन पहले जदयू के पिछड़ा नेता प्रमोद चंद्रवंशी भाजपा में शामिल हो गए हैं. जदयू प्रवक्ता सहेली मेहता भी बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं.
जदयू में कलहः ऐसे में देखा जाए तो जदयू के अंदर कलह बढ़ने लगी है. हाल में जदयू ने पार्टी के दो महासचिव और कार्यालय प्रभारी को निष्कासित करते हुए कार्यालय आने से मना कर दिया था. दो दिन पहले ही सीएम आवास में बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी की बीच जमकर बहस हुई थी, जिसकी चर्चा खूब हुई थी. ऐसा लग रहा है कि चुनाव से पहले बिहार में बड़ा बदलाव होने वाला है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है.