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एएसपी लिपि सिंह के तबादले पर JDU नाराज, बोली- आयोग करे फैसले पर पुनर्विचार - आईपीएस

नीरज कुमार ने कहा कि बाढ़ अनुमंडल में लिपि सिंह के आने के बाद अपराध और माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त सर्जिकल स्ट्राइक हुई है. राजनीतिक कारणों से उनके बारे में अनावश्यक भ्रम फैलाया जा रहा है.

बोले जदयू प्रवक्ता

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Published : Apr 21, 2019, 3:33 PM IST

पटना :चुनाव आयोग द्वारा पटना पुलिस में पदस्थापित आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह को चुनाव कार्य से अलग करने के फैसले की खबरें आने के बाद जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार भड़क गए हैं.
जदयू प्रवक्ता नीरज ने चुनाव आयोग से फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है. साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को अपनी टीम भेजकर बाढ़ की एसपी लिपि सिंह के कार्यकाल की समीक्षा करवाने का भी अनुरोध किया है.

पूरा मामला
चुनाव आयोग की ओर से लिपि सिंह को हटाने की खबरें सोशल मीडिया पर फैलने के बाद जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बाढ़ अनुमंडल में लिपि सिंह के आने के बाद अपराध और माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त सर्जिकल स्ट्राइक हुई है. राजनीतिक कारणों से उनके बारे में अनावश्यक भ्रम फैलाया जा रहा है.

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान
नीरज कुमार ने कहा कि लिपि सिंह के कार्यकाल में 600 अपराधी गिरफ्तार किए गए तथा डेढ़ सौ से ज्यादा हथियारों की बरामदगी हुई. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को एक विशेष टीम बाढ़ अनुमंडल भेज कर पता लगाना चाहिए था कि इनके कार्यकाल में कैसी कार्रवाई हुई थी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पक्षपात का आरोप बेबुनियाद है क्योंकि विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं हुई थी बल्कि जो लोग संगठित अपराध में लिप्त थे उनके खिलाफ कार्रवाई हुई थी. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि एके 47 की तस्करी करने वालों के साथ अनंत सिंह की तस्वीर वायरल होती है, तो चुनाव आयोग को इसका भी संज्ञान लेना चाहिए.

बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक हुई थी पदस्थापित
गौरतलब है कि बाढ़ अनुमंडल में जब से लिपि सिंह की बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक पदस्थापना हुई थी. आते ही उन्होंने अपराधियों माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था. इलाके के बड़े बाहुबली अनंत सिंह के कई समर्थकों को उन्होंने गिरफ्तार किया, वहीं सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन से जुड़े लोगों पर भी उन्होंने कार्रवाई की थी. एनडीए से जुड़े स्थानीय नेताओं के बालू खनन कार्यों को भी उन्होंने पूरी तरह से बंद करा दिया था.

आम जनता में उनकी छवि एक अच्छी पुलिस पदाधिकारी की थी लेकिन महागठबंधन की प्रत्याशी नीलम देवी द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव कार्य से अलग कर दिया है.

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