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JDU के लिए लिटमस टेस्ट की तरह पंचायत चुनाव, आधी आबादी पर पार्टी की नजर - Election litmus test for JDU

बिहार में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहे हैं. जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आरसीपी सिंह के लिए पंचायत चुनाव एक बड़ी चुनौती है. पंचायत चुनाव में जेडीयू की रणनीति है कि दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बाद भी पार्टी के नेता अधिक से अधिक इसमें भाग लें और जीतकर आएं. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Mar 7, 2021, 5:58 PM IST

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव पहली बार ईवीएम से कराने की तैयारी हो रही है. पंचायती राज मंत्री ने साफ कर दिया है कि ईवीएम से ही चुनाव होगा. अब नजर राज्य निर्वाचन आयोग पर है. पंचायत चुनाव बिहार में ईवीएम से पहली बार होने जा रहे हैं. ऐसे तो दलीय आधार पर चुनाव नहीं होते हैं, लेकिन सभी दलों की कोशिश होती है कि उनकी पार्टी के नेता अधिक से अधिक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जीते.

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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने साफ कर दिया है कि इस बार ईवीएम से ही चुनाव होगा और राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी भी शुरू कर दी है. दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के कारण कोई भी पार्टी खुलकर अपने बैनर के तहत उम्मीदवार नहीं उतार सकता है. ऐसे में पार्टी की कोशिश होती है कि उनके नेता अधिक से अधिक पंचायत चुनाव में भाग ले और पार्टी उसमें मदद करें.

सम्राट चौधरी, पंचायती राज मंत्री

चुनाव को लेकर जेडीयू गंभीर
जदयू ने इस बार विधानसभा चुनाव के बाद सबसे ज्यादा ध्यान पार्टी की मजबूती पर दिया है. पार्टी को धारदार बनाने के लिए विधानसभा प्रभारियों की नई कमेटी बनाई गई है. लोकसभा प्रभारियों की भी नई कमेटी तैयार की गई है और प्रखंड स्तर पर भी नहीं कमेटी का गठन हो चुका है. प्रकोष्ठ में भी नए-नए प्रयोग हो रहे हैं. सवर्ण प्रकोष्ठ पहली बार बनाया गया है. उत्तर और दक्षिण बिहार में दलित, युवा जैसे प्रकोष्ठ का गठन किया गया है और अब प्रशिक्षण का महाअभियान भी चल रहा है.

पंचायत चुनाव एक तरह से लिटमस टेस्ट
ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नजर पंचायत चुनाव पर है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आरसीपी सिंह के लिए पंचायत चुनाव एक तरह से लिटमस टेस्ट भी होगा. पार्टी के प्रवक्ता साफ-साफ कह रहे हैं कि पार्टी की पूरी कोशिश है कि अधिक से अधिक उनके नेता चुनाव जीतकर आए. इसके लिए पार्टी उन्हें मदद भी करेगी.

अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

जदयू को आधी आबादी से उम्मीद
विधानसभा चुनाव में खराब परफॉर्मेंस के बाद पार्टी को धारदार बनाने में पंचायत चुनाव में दमदार उपस्थिति बड़ी भूमिका निभा सकता है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के लिए जदयू के नेताओं को अधिक से अधिक चुनाव जीताना भी एक बड़ी चुनौती होगा. जदयू की नजर आधी आबादी पर भी है. पार्टी का दावा रहा है कि पंचायतों में महिलाओं के लिए सबसे पहले 50% आरक्षण बिहार में नीतीश कुमार ने ही लागू किया, जिसे बाद में केंद्र और अन्य राज्यों में लागू किया गया.

अजय आलोक, जदयू प्रवक्ता

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महिलाओं के लिए की आरक्षण की व्यवस्था
महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण की व्यवस्था बिहार में ही शुरू की गई. जिसे अन्य राज्यों में अब लागू किया जा रहा है. महिलाओं के लिए पूर्ण शराबबंदी भी लागू की गई, इसलिए आधी आबादी से पार्टी को उम्मीद है कि जदयू के नेताओं को अधिक से अधिक पंचायत चुनाव में जीतने में मदद करेगी.

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