पटना: जदयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने मदन सहनी (Madan Sahni) और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी के बीच हुए विवाद पर कहा कि ट्रेनिंग नहीं मिलने के चलते ऐसी स्थिति बनती है. अधिकारी हो या मंत्री सभी की ट्रेनिंग जरूरी है.
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अपना रोल पता न होने के चलते होती है परेशानी
आरसीपी सिंह ने कहा, "प्रशिक्षण नहीं मिलने के कारण किनका क्या रोल है यह पता नहीं होता. इसके कारण विवाद होता है. दुर्भाग्य से यह व्यवस्था बिहार में पहले से चली आ रही है. मैं उत्तर प्रदेश कैडर का आईएएस अधिकारी था. वहां हम लोगों को जिस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता था वैसी व्यवस्था यहां नहीं है. बिहार का जब बंटवारा हुआ तो जो भी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट थे झारखंड में चले गए."
मंत्री और अधिकारी का है अलग-अलग रोल
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "मंत्री और अधिकारी दोनों के अलग-अलग रोल हैं. बैकग्राउंड और जवाबदेही अलग-अलग है. दोनों में आपसी समझ हो तो समन्वय बना रहता है. कहीं-कहीं, किसी बात को लेकर ऊंच-नीच हो जाती है. इसका रास्ता यह है कि संवाद बना रहे और समय-समय पर सभी को ट्रेनिंग मिलती रही."
नीतीश में है सबका विश्वास
मदन सहनी की नाराजगी पर आरसीपी सिंह ने कहा कि किस परिवार में विवाद नहीं होता है. किसी को कोई परेशानी है तो वह अपनी बात रखते हैं. नीतीश कुमार में सबका विश्वास है. सभी लोग पूरी मजबूती से उनके साथ हैं.
लालू से मिलने में नहीं कोई बड़ी बात
मदन सहनी के दिल्ली जाने और लालू यादव से मिलने की चर्चा पर आरसीपी सिंह ने कहा, "हर दल के लोग दूसरे दल के लोगों से मिलते हैं. यह कोई बड़ी बात नहीं है. हम लोग भी मिलते हैं. जब राज्यसभा चलता है तो किस पार्टी के नेता से मैं नहीं मिलता. किस दल के नेता से मैं बातचीत नहीं करता. सभी से हमारे अच्छे संबंध हैं. किसी से मिलना और बातचीत करना अलग मामला है."
"आरजेडी के नेता बहुत दिन से कह रहे हैं कि सरकार गिर जाएगी. वे दो-तीन माह की बात क्यों करते हैं? पहले ही गिरा दें. वे लोग बहुत गलतफहमी में जी रहे हैं."- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
परेशान होकर मदन सहनी ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि मदन सहनी ने 1 जून को मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा था कि विभागीय अधिकारियों की मनमानी से परेशान होकर मुझे यह फैसला लेना पड़ा है. सहनी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा था कि अधिकारी बात नहीं सुनते हैं. यह एक विभाग का मामला नहीं है, बल्कि सभी विभागों में यही हाल है, कोई कहता है तो कोई छिपाता है.
चलती है अधिकारी की मनमानी
मदन सहनी ने समाज कल्याण विभाग के सचिव अतुल प्रसाद पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अधिकारी की मनमानी चलती है. सरकार के मंत्रियों की कोई पूछ नहीं है. मंत्रियों के आदेश का कोई मतलब नहीं है. मंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जाती है. ऐसे में मंत्री पद पर मेरे लिए बने रहना उचित नहीं था.
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