पटना:जदयू के विधान सभावार वर्चुअल सम्मेलन का शनिवार से आगाज हुआ. इसके लिए वरिष्ठ नेताओं की चार टीमों की ओर से कुल 16 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन हुए. इन टीमों का नेतृत्व क्रमश: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह, बिहार प्रदेश जदयू के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य बशिष्ठ नारायण सिंह, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव और लोकसभा में दल के नेता ललन सिंह ने किया.
हर बूथ तक जदयू का संगठन
राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह ने वाल्मीकिनगर से विधान सभावार वर्चुअल सम्मेलन का आगाज करते हुए कहा कि आज जदयू का संगठन हर बूथ तक है. संगठन-शक्ति की बदौलत हम कोरोना काल में भी लगातार लोगों के संपर्क में हैं. हमारे कार्यकर्ता आज सोशल मीडिया पर भी अन्य दलों से आगे हैं. आज चुनाव का विरोध वे लोग कर रहे हैं, जिनकी जमीन खिसक चुकी है.
जनता से जुड़े रहते हैं मुख्यमंत्री
आरसीपी सिंह ने कहा कि संवाद ही संगठन को जीवंत रखता है. हमारे कार्यकर्ता इस संवाद को बनाए रखें और अपने नेता के कार्यों को नीचे तक पहुंचाएं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा जनता से जुड़े रहते हैं. वे देश के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार दस वर्षों तक जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम चलाया. उन्होंने कभी जनता दरबार नहीं लगाया. बल्कि स्वयं जनता के दरबार में रहे.
बिहार का समावेशी विकास
आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी जाति, धर्म, क्षेत्र, लिंग या भाषा के नाम पर भेदभाव नहीं किया. उनके नेतृत्व में बिहार का समावेशी विकास हुआ. 15 साल पहले इन सबको लेकर बिहार में तनाव पैदा किया जाता था. नीतीश कुमार जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं. वे छोटी और ओछी बात कभी नहीं करते. उनके हर काम में पारदर्शिता होती है और जदयू के हर कार्यकर्ता में उन्हीं का संस्कार है.
नीतीश कुमार ने पूरा किया वादा
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिजली, सड़क, नल का जल जैसे जितने वादे किए, उसे पूरा किया. अब उन्होंने वादा किया है कि हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएंगे तो, अगली बार उसे भी पूरा करेंगे. पति-पत्नी के राज 2004-5 में बिहार के सभी विभागों का बजट मिलाकर 23 हजार 800 करोड़ था. आज नीतीश कुमार के राज में सिर्फ जल-जीवन-हरियाली अभियान का बजट ही 24 हजार करोड़ से अधिक है.
बिहार के लोग हैं परिश्रमी
आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार के लोगों में मेधा की कमी नहीं है. वे परिश्रमी भी हैं, मानव संसाधन की भी हमारे यहां कमी नहीं और नीतीश कुमार के रूप में हमारे पास शानदार नेतृत्व भी है. बिहार को विकसित बिहार बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. हम सभी का दायित्व बनता है कि 2020 में पुन: उन्हें बिहार की बागडोर सौंपने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दें.