पटना:मंजीत सिंह( Manjit Singh ) जेडीयू (JDU) में शामिल तो होग गए हैं. लेकिन उनेक पार्टी में शामिल होने के साथ ही कई सावल भी उठ रहे हैं. JDU में जब शामिल होना ही था तो जेडीयू छोड़कर अलग ही क्यों हुए थे? बीजेपी नेता मिथलेश तिवारी, जो गोपालगंज के बैकुंठपुर विधानसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार थे, उनका आरोप है कि मंजीत सिंह के निर्दलीय उम्मीदवार लड़ने पर जेडीयू ने उनके ऊपर अनुशासन का डंडा नहीं चलाया था, पार्टी ने उन्हें निष्कासित नहीं किया था. तो क्या ये माना जाए कि मंजीत सिंह जेडीयू नेताओं के सहमति से चुनाव लड़े थे!
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मंजीत सिंह जेडीयू नेताओं के सहमति से क्या विधानसभा चुनाव ( Assembly Election) लड़े थे. ये सावल उठना लाजमी है. क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बैकुंठपुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन प्रत्याशी ( NDA Candidate ) की चुनाव में हार हुई थी. बीजेपी (BJP) और जेडीयू के कई बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे और उनपर अनुशासन का डंडा भी चला था और नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. जेडीयू से विधायक रह चुके मंजीत सिंह भी बैकुंठपुर से बीजेपी (BJP) उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन पार्टी ने उन्हें निष्कासित नहीं किया था.
ये आरोप मिथिलेश तिवारी लगा रहे हैं. दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान बैकुंठपुर विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला हो गया था और वहां से आरजेडी उम्मीदवार कुछ ही मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. मंजीत सिंह की वजह से बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी चुनाव हार गए थे.