पटना: दिल्ली-संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज पहला दिन था, दिल्ली हिंसा पर जमकर संग्राम हुआ, विपक्ष का आरोप है कि दिल्ली हिंसा को रोकने में केंद्र सरकार नाकाम साबित हुई है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा दें. राज्यसभा और लोकसभा की कार्रवाई कल तक के लिए भारी हंगामे के बाद स्थगित कर दी गई. इसको लेकर जदयू नेता ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि दंगे के लिए कांग्रेस का ऐसा बयान. पार्टी की समाप्ती की ओर इशारा करता है.
दिल्ली हिंसा के लिए अमित शाह जिम्मेदार नहीं, सोनिया गांधी के भड़काऊ बयान से दंगा भड़का- JDU - कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी
दिल्ली हिंसा पर जदयू के वरिष्ठ सांसद दिनेश चंद्र यादव ने प्रतिक्रिया दी है . उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नाकामी नहीं है. दिल्ली में जब हिंसा शुरू हुई थी तो कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान दिया था कि अब आर-पार की लड़ाई है. इस भड़काऊ बयान के कारण दिल्ली में दंगा हुआ है.
'अब आर-पार की लड़ाई'
वहीं दिल्ली हिंसा पर जदयू के वरिष्ठ सांसद दिनेश चंद्र यादव ने प्रतिक्रिया दी है . उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नाकामी नहीं है. दिल्ली में जब हिंसा शुरू हुई थी तो कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान दिया था कि अब आर-पार की लड़ाई है, इस भड़काऊ बयान के कारण दिल्ली में दंगा हुआ है. विपक्षी दलों के नेताओं ने दंगाइयों को उकसाया इसके कारण भीषण हिंसा हुई है. आज लोकसभा में स्पीकर दिल्ली हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार थे लेकिन विपक्ष नहीं चाहता कि चर्चा हो. अगर चर्चा होती तो हर पक्ष के लोग अपनी बात रखते. विपक्ष सिर्फ हर मुद्दे पर हंगामा खड़ा करना चाहता है और जनता को गुमराह करना चाहता है.
'फूहड़ बयान दे रही है सोनिया गांधी'
सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि हम लोग सोचते थे कि कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी बहुत परिपक्व हो गयी हैं लेकिन ऐसा नहीं है. वह फूहड़ बयान दे रही हैं. कांग्रेस पार्टी समाप्ति की ओर है. उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जल्द खत्म होना चाहिए, सबसे जरूरी यह है कि दिल्ली में शांति कायम हो, दिल्ली में अमन-चैन, भाईचारा कैसे लौटे इस दिशा में सभी दलों को ध्यान देना चाहिए, हिंसा पर कभी सियासत नहीं होनी चाहिए, धीरे-धीरे दिल्ली में हालात सामान्य होते जा रहे हैं, केंद्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है. बता दें दिल्ली हिंसा में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है.