पटना : जेडीयू में एक और नेता अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशावाहा पर जेडीयू को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं. जेडीयू के विधान पार्षद रामेश्वर महतो ने आरोप लगाया है कि उमेश कुशवाहा की संदिग्ध गतिविधियों की वजह से ही उन्हें पार्टी की बैठकों से दूर रखा जाता है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष हमेशा अपने फायदे का ही काम करते हैं जो कि गलत है. रामेश्वर महतो वो नेता हैं जो महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कहा था कि उन्हें 'तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार नहीं है.'
Bihar Politics: 'JDU को कमजोर कर रहे हैं उमेश कुशवाहा'.. एमएलसी रामेश्वर महतो का आरोप - जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा
जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पर पार्टी को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उमेश कुशवाहा सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करते हैं. एक बार ये बयान देकर रामेश्वर महतो सुर्खियों में आ गए हैं. पढ़ें पूरी खबर..
'पार्टी को कमजोर कर रहे उमेश कुशवाहा' : रामेश्वर महतो ने कहा कि इससे पार्टी कमजोर हो रही है. नीतीश कुमार को इस पर ध्यान देना चाहिए. यही वजह है कि अच्छे कार्यकर्ताओं को पार्टी में कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है. उमेश कुशवाहा लगातार मनमानी कर रहे हैं. इस मामले को लेकर हम राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी मुलाकात करेंगे. हमें जो लग रहा है, वो बात खुलकर बोलते रहे हैं. जिस तरह नीतीश कुमार ने बिहार को आगे बढ़ाया है, पार्टी के संगठन को मजबूत करने का काम किया है, हमलोग लगातार उनके साथ हैं. लेकिन जो काम पार्टी में रहकर उमेश कुशवाहा कर रहे हैं, कहीं से भी उचित नहीं है. ऐसा इन्हें नहीं करना चाहिए था.
"ये सीएम नीतीश कुमार की महानता है कि उमेश कुशवाहा को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. उन्हें लोगों को जोड़कर पार्टी को मजबूत करना चाहिए, लेकिन कहीं न कहीं वे गुटबाजी में फंसकर रह गए हैं. मुझे बैठक में बुलाया भी नहीं गया. अगर उन्हें मेरे से व्यक्तिगत समस्या है तो इसे पार्टी में न लाकर मेरे सामने रखते. उमेश कुशवाहा पार्टी को छोड़कर अपनी मजबूती बढ़ा रहे हैं."- रामेश्वर महतो, विधान परिषद, JDU
क्या बगावत करेंगे जेडीयू के एक और नेता ? : रामेश्वर महतो के इस बयान के बाद फिर कयास लगाए जाने लगे हैं. दरअसल, जब भी कोई पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी पर आरोप लगाता है तो ये माना जाता है कि वो पार्टी से बागवत कर रहे हैं और उनपर कार्रवाई होती है. उपेन्द्र कुशवाहा ने भी पार्टी छोड़ने से पहले ललन सिंह और उमेश कुशवाहा पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया था. आरसीपी सिंह ने भी दोनों नेताओं को पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था. इस बार अब रामेश्वर महतो ये आरोप लगा रहे हैं. अब देखना है कि इसका क्या असर होता है.