'विधानसभा में पुल के पिलर क्रैक होने का मुद्दा उठाने के बाद भी जांच नहीं' पटना : बिहार के भागलपुर में बन रहे अगुवानी पुल ने एक बार फिर बिहार की किरकिरी करा दी. इस बार न आंधी आई न बाढ़ आई, पुल खुद-ब-खुद धराशायी हो गया. रविवार को पुल के गिरने का वीडियो तेजी से पूरे देश में वायरल हो गया. विपक्ष तो विपक्ष सत्ता पक्ष के परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने भी इस मामले पर अपनी ही सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि समय रहते उनकी शिकायतों पर अफसर ध्यान देते तो हादसा रुक सकता था. उन्होंने प्रधान सचिव द्वारा जांच कराए जाने पर भी सवाल खड़े किए.
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''हमारे विधानसभा में गंगा नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया है. यह काफ़ी चिंता का विषय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है. हमको पहले से भी पुल के स्ट्रक्चर को लेकर अंदेशा था. तेजस्वी यादव से मिलकर हमने बात कही थी, पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने आश्वासन भी दिया था की जांच होगी. इस मामले को मैने सदन में भी उठाया था. पहले से ही पुल टूटा था, जिसकी जांच कराई जा रही थी. लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं आई थी और कार्य को रोका नहीं गया था.''- डाक्टर संजीव सिंह, जेडीयू विधायक, परबत्ता
'जिसपर आरोप वही कैसे करेगा जांच?': इधर, विपक्ष का आरोप है कि इसके बनाने में भ्रष्टाचार हुआ है. पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव से बीजेपी ने इस्तीफे की मांग की है. अब विपक्ष के साथ साथ जदयू के विधायक संजीव कुमार ने भी पुल हादसे पर अपने ही सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने प्रधान सचिव पर जांच की मांग की है. जदयू विधायक संजीव कुमार ने सीएम से मिलकर मामले को अवगत कराए जाने को कहा है. जदयू विधायक संजीव कुमार ने कहा कि प्रधान सचिव से इस मामले की जांच न कराकर हाईकोर्ट के जज से जांच कराया जाना चाहिए.
'हमको अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया' : परबत्ता से जदयू विधायक डॉ संजीव सिंह ने प्रधान सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा प्रधान सचिव ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है. कोई टेक्निकल टीम से इसकी जांच काराई जाने की मांग की. परबत्ता विधानसभा से जदयू विधायक डॉ संजीव सिंह ने कहा कि इस घटना में प्रधान सचिव पर जांच करने की मांग की है. इस जांच से प्रधान सचिव को अलग रखा जाए.
''हमने पूरे मामले से अवगत कराया था पहले, फिर भी इन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और आज ये इतनी बड़ी अनहोनी घटी. सीएम से मिलकर पूरी असलियत बताएंगे. प्रधान सचिव को पहले ही हमने पिलर क्रैक के मामले से अवगत कराया था. इसकी जांच प्रधान सचिव से न कराकर हाईकोर्ट के जज से कराई जाए.''- डाक्टर संजीव सिंह, जेडीयू विधायक, परबत्ता
नीतीश के चहेते अफसर भी विधायक के टार्गेट पर : जेडीयू विधायक डॉ संजीव सिंह ने नीतीश के चहते अफसर प्रत्यय अमृत पर निशाना साधते हुए कहा की कुछ अधिकारी अपने को एक्सपर्ट बता रहे हैं. इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है. इस मामले की जांच होनी चाहिये. स्ट्रक्चर में गड़बड़ी थी, लेकिन केवल एक्सपर्ट बनकर अधिकारी गड़बड़ी करवा रहे हैं. अधिकारी और संवेदक दोषी हैं, अगर जांच ठीक नहीं हुई और किसी को बचाने की कोशिश हुई तो पीआईएल दाखिल की जाएगी.