पटना:बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैंं. कोरोना और लॉकडाउन के बीच भी प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है. उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत बीजेपी के कई बड़े नेता लगातार डिजिटल चुनाव की मांग कर रहे हैं. इस बीच आरजेडी ने डिजिटल चुनाव को साफ खारिज कर दिया है. जबकि जेडीयू कोटे के मंत्री ये कह रहे हैं कि अंतिम फैसला चुनाव आयोग को करना है.
जदयू मंत्री जय कुमार सिंह की मानें तो बिहार में विधानसभा चुनाव समय पर होगा. आधुनिक तकनीक का कितना प्रयोग होगा इस पर चुनाव आयोग ही फैसला लेगा. लेकिन, बिहार में ऐसी परिस्थिति नहीं कि चुनाव टाला जाए. निश्चित तौर पर बड़ी रैलियां नहीं होगी. सभी राजनीतिक पार्टियां अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग करने लगी हैं. जदयू मंत्री ने इस बात का दावा किया है कहा कि लाखों की संख्या में लौटे प्रवासियों से एनडीए को लाभ मिलेगा.
देखें ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट लोगों को बरतना होगा एहतियात- मंत्री
जदयू मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में भले ही छूट मिल गई हो लेकिन, लोगों को अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य एहतियात और सतर्कता बरतने की जरूरत है. जय कुमार सिंह ने कहा कि अब चुनाव आयोग जो दिशा-निर्देश देगा उस पर सभी अमल करेंगे. इस पर चुनाव आयोग को भी गहन अध्ययन करना होगा. निश्चित तौर पर अक्टूबर-नवंबर तक सभी चीजें सामान्य नहीं होगी.
'तय समय पर होगा इलेक्शन'
चुनाव की तिथि बढ़ सकती है इस सवाल पर जय कुमार सिंह ने कहा कि चुनाव तो समय पर ही होगा. बिहार में ऐसी स्थिति नहीं है कि चुनाव टाला जाए. लेकिन, चुनाव आयोग को सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बातचीत करनी होगी. चुनाव प्रचार पर इस बार कितना असर पड़ेगा इस सवाल पर जय कुमार सिंह ने कहा कि इतना तय है कि अब पहले जैसा चुनाव प्रचार नहीं होगा. डिजिटल माध्यमों से अधिक से अधिक चुनाव प्रचार किया जाएगा.
बिहार विधानसभा (फाइल फोटो) बिहार में लागू है केंद्र सरकार की गाइडलाइन
बहरहाल, बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव और प्रचार पर कोरोना का असर पड़ना तय है. अब बड़ी रैलियां या बड़े समारोह नहीं होंगे. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार विधान परिषद का चुनाव भी होना है, जो फिलहाल स्थगित है. बिहार सरकार ने अनलॉक -1 में केंद्र सरकार के गाइडलाइन को ही जस के तस बिहार में लागू किया है. जिसके कारण हर जगह गतिविधियां बढ़ रही है. ऐसे में अब चुनाव को लेकर पार्टियों की गतिविधियां भी बढ़ना तय है.