पटना: जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आज बुधवार को मिलन समारोह का आयोजन किया गया. दरभंगा की मेयर अंजुम आरा (Darbhanga Mayor Anjum Ara) अपने समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हुईं. मिलन समारोह का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के तीन कद्दावर मंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए. बता दें कि जदयू में पिछले 2 सप्ताह में चार मिलन समारोह हो चुके हैं.
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"हम लोग नीतीश कुमार के साथ हैं. हम लोग इसलिए जदयू में आए हैं क्योंकि हम लोगों की समस्या का समाधान नीतीश कुमार करेंगे"- अंजुम आरा, मेयर, दरभंगा
मिथिलांचल में अच्छा मैसेज का दावाः अंजुम आरा को शामिल कराने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी जल संसाधन मंत्री संजय झा और समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी भी पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. इस मौके पर मंत्री संजय झा ने कहा मुस्लिमों का रुझान नीतीश कुमार के साथ है. दरभंगा की मेयर अंजुम आरा के पार्टी में आने से मिथिलांचल में एक अच्छा मैसेज जाएगा.
नहीं मिला था मुस्लिम वोटः नीतीश कुमार लगातार दावा करते रहे हैं कि अल्पसंख्यक वर्ग के लिए सबसे ज्यादा उन्होंने काम किया है. लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू को अल्पसंख्यक वोट नहीं मिला था. जदयू की तरफ से 11 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे गए थे उसमें से एक को भी जीत हासिल नहीं हुई थी. 2020 के बाद से ही जदयू की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर थी. आज अंजुम आरा को शामिल कराने के पीछे मुस्लिम वोट बैंक को मैसेज देने की कवायद मानी जा रही है.
मुस्लिम वोट बैंक पर नजर: बता दें कि 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. उससे पहले 2024 में लोकसभा का चुनाव होगा. नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए मुहिम भी चला रहे हैं. वहीं संगठन को धारदार बनाने के लिए मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश भी हो रही है. 2020 चुनाव के बाद बसपा के टिकट से चुनाव जीते जमा खान को जदयू में शामिल कराकर नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया था.