पटना: लोजपा (LJP) में हुई टूट को लेकर लगातार जदयू (JDU) को लेकर बातें की जा रही हैं. कहा जा रहा है कि जदयू के नेताओं ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को संसदीय नेता बनाने में अहम भूमिका निभाई है. अभी भी जदयू सांसद ललन सिंह दिल्ली में हैं. मंगलवार को दिल्ली से पटना आये जदयू विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि लोजपा में हुई घटना में कहीं से भी जदयू नेताओं का कोई हाथ नहीं है. विधानसभा चुनाव में जिस तरह चिराग पासवान (Chirag Paswan) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ चुनाव लड़े थे. उससे कार्यकर्ता नाराज थे और यह उसी की परिणाम है, वैसे ये उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है.
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'लोजपा में हुई घटना में कहीं से भी जदयू नेताओं का कोई हाथ नहीं है. जदयू पार्टी को इस घटना से कोई मतलब नहीं है. हालांकि कांग्रेस के कई विधायक जदयू नेताओं के संपर्क में हैं. जल्द ही इसका खुलासा भी होगा.'-संजय सिंह, जदयू, विधान पार्षद
वोट बैंक पर लगाया था सेंध
जदयू विधान पार्षद संजय सिंह के मुताबिक लोजपा में टूट में कहीं से भी जदयू का हाथ नहीं है. लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि विधानसभा चुनाव 2020 में चिराग पासवान ने जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया था. जिसके चलते जेडीयू विधानसभा चुनाव में मात्र 43 सीट जीत सकी और तीसरे स्थान पर रही. इस चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 75 और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 74 सीटें जीती थी. वहीं एलजेपी मात्र एक सीट जीती थी.
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दिए थे कई बड़े-बड़े बयान
चिराग पासवान ने कई बड़े बयान दिए. जिसमें चिराग ने सीएम नीतीश कुमार को अहंकारी कहा था. पीएम के सामने झूठ बोलनेवाला कहा था. इसके साथ ही 10 ऐसे बड़े बयान दिए ते, जिसका सीधा असर जदयू पर पड़ा था. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कारण भी लोजपा की टूट में जदयू का हाथ हो सकता है.
इन 10 बयानों से जाहिर हुआ था कि कैसे लोजपा और जदयू में घमासान छिड़ा था.
- 15 अक्टूबर 2020
सीएम अहंकारी हैं...खुद क्यों नहीं लड़ते चुनाव?
बिहार के चुनावी रण में LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर तीखा हमला बोला है. चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को अहंकारी बताते हुए कहा कि वो खुद क्यों नहीं चुनाव लड़ते? उनको चुनाव लड़ना चाहिए, ताकि जनता का मूड पता चले. - 03 नवंबर 2020
चिराग बोले- "जो पीएम के सामने झूठ बोलता है वह क्या विकास करेगा"
बिहार में सुगौली विधानसभा के एलजेपी प्रत्याशी विजय कुमार गुप्ता के समर्थन में एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने चुनावी सभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला था. सभा में चिराग ने नीतीश कुमार द्वारा चलाए जा रहे जल जीवन हरियाली, सात निश्चय योजना पर लोगों से पूछा कि इसका लाभ आपको मिला तो लोगों ने कहा नहीं. तब उन्होंने कहा कि जो पीएम के सामने झूठ बोलता है वह क्या आपका विकास करेगा. ऐसे नीतीश कुमार को जेल भेजने के लिए एलजेपी को वोट देने की अपील की थी. - 05 Nov 2020
चिराग पासवान बोले- नीतीश कुमार 10 नवंबर के बाद तेजस्वी के सामने झुकते नजर आएंगे
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के अंतिम दिन लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर से दोहराया था कि 10 नवंबर के बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए चिराग ने कहा था कि 10 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री को 1 अणे मार्ग (सीएम आवास) खाली करना पड़ेगा. चिराग ने कहा कि 10 नवंबर के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के सामने सिर झुकाते नजर आएंगे. - 20 Jan 2021
CM नीतीश पर चिराग का नया हमला, कहा- गृह मंत्रालय अपने पास रखकर भी अपराध नहीं रोक पा रहे मुख्यमंत्री
भीम आर्मी के पूर्व जिलाध्यक्ष रोनोजीत उर्फ जॉन पासवान की चाकू से गोदकर हत्या के बाद उनके परिजनों को ढांढस बंधाने मुजफ्फरपुर पहुंचे चिराग ने सीएम नीतीश को बिहार में बढ़ते अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में हो रही हत्याओं, लूट और रेप जैसी घटनाओं के लिए खुद सीएम जिम्मेदार हैं. एक के बाद एक वारदातें हो रही है. सीएम के पास गृह मंत्रालय भी है. इसके बावजूद वह अपराधों को होने से नहीं रोक पा रहे हैं. - 23 Jan 2021
चिराग ने सीएम को पत्र लिखकर बोला था हमला
बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद लंबे समय तक बिहार की राजनीति से दूर रहे एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने फिर से बिहार की राजनीतिक सीन में एंट्री ली थी. बिहार लौटते ही चिराग ने सीएम नीतीश और नीतीश सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया था. उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से जमुई मेडिकल कॉलेज के टेंडर का काम रुका हुआ है. - 07 फरवरी 2021
चिराग पासवान का बयान-बिहार फिर बना जंगलराज
बिहार में लगातार बढ़ते अपराध को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि बिहार में एक बार फिर से जंगलराज ऐसे हालात पैदा हो गए हैं. रूपेश कुमार सिंह हत्याकांड से यह साफ स्पष्ट है कि दूरदराज इलाकों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी अपराधियों का मनोबल कितना ज्यादा बढ़ गया है. नीतीश कुमार अपराध पर नियंत्रण करने के लिए ही जंगलराज का विकल्प बनकर आए थे, मगर आज फिर से बिहार में वही स्थिति हो गई है. - 28 Feb 2021
सीएम नीतीश पर चिराग का हमला- बिहार में अपराध को मिल रहा बढ़ावा
चिराग पासवान ने नीतीश पर तंज कसते हुए चिराग पासवान ने कहा था कि, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. बिहार में जिस प्रकार के हालात हैं, जिस तरह से बिहार बर्बादी के कगार पर है, अपराध को बढ़ावा मिल रहा है, आय दिन अपराध की घटनाएं हो रही हैं, बिहार के युवा रोजगार के लिए दूसरे प्रदेश जा रहे हैं, यह मेरे लिए चिंता का विषय है." उन्होंने कहा था कि आज भी नई सरकार बनने के बाद भी वही हालात हैं, जो पहले थे. - 01 Mar 2021
चिराग नीतीश सरकार गिरने का किया था दावा
लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए सरकार बनने के बाद दावा किया था कि नीतीश सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी. उन्होंने कहा था कि हमें अगले चुनाव में गठबंधन की चिंता नहीं है. जो हमारे कारण हारते हैं वो फिर हमारे पास गठबंधन को आएंगे. हालांकि उनके इकलौते विधायक भी बैठक में नहीं आए थे. - 22 Apr 2021
चिराग का हमला-सीएम को सिर्फ कुर्सी की चिंता
चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष और लोजपा अध्यक्ष ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्होंने कोविड संकट में भी सीएम नीतीश चुप हैं. चिराग ने सीएम पर सिर्फ कुर्सी की चिंता करने और तेजस्वी ने केंद्र से सहायता नहीं ले पाने का तंज कसा था. - 02 May 2021
'अनिल उरांव हत्याकांड बिहार में कानून की हकीकत को बता रहा है'
लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में मनिहारी से पार्टी प्रत्याशी रहे अनिल उरांव की बेरहमी से हत्या किए जाने के बाद चिराग ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया था. चिराग पासवान ने कहा था कि 2015 विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया. उनकी हत्या ने फिर बिहार में कानून की हकीकत को बयान किया है.
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जानें... लोजपा में कैसे हुआ टूट और कौन हुए अलग
लोजपा के पांचों सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है. खबर थी कि रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी थी. इसके बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आधिकारिक मांग पत्र भी सौंप दिया था.
इन पांचों सांसदों ने छोड़ी पार्टी
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयीं. ये सांसद चुनाव आयोग को भी विधिवत जानकारी देंगे.
पारस को सांसदों ने क्यों चुना?
पारस लोजपा सांसदों में सबसे वरिष्ठ हैं. वे रामविलास पासवान के छोटे भाई भी हैं. 5 सांसदों के निर्णय के बाद लोजपा में बड़ा घमासान हो गया. पहले ही लोजपा के कई नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि चिराग की ओर से मनाने का दौर भी जारी था. पार्टी में इस टूट के बाद लोजपा और कमजोर हो गई. बताया जा रहा है कि पशुपति कुमार पारस के साथ बड़ी संख्या में नेता और समर्थक भी लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं पशुपति पारस
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज है. बताया जा रहा है कि पारस केन्द्र में मंत्री बन सकते हैं. 2019 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा कमान संभाली तब एक फार्मूला बना कर सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में एक-एक सीट दी जाएगी. तब 16 सांसदों वाली जदयू मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हुई. उसकी कम से कम दो सीटों की मांग थी. 6 सांसदों वाली लोजपा से रामविलास पासवान मंत्री बने. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रामविलास पासवान का निधन हो गया था.
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