पटनाःजदयू नेता व पूर्व एमएलसी सोनेलाल मेहता के निधन पर सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शोक संवेदना जाहिर की है. अपने संदेश में नीतीश कुमार ने कहा कि वो उनके निधन से काफी दुखी हूं वो एक कुशल राजनेता थे. वहीं ललन सिंह ने कहा कि उनके निधन से एक कुशल समाजसेवी और कर्मठ साथी की अपूरणीय क्षति हुई है. जानकारी के मुताबिक सोनेलाल मेहता के पार्थिव शरीर को शुक्रवार की अहले सुबह खगड़िया के संहौली स्थित आवास लाया गया है. जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा-"पूर्व विधान पार्षद सोनेलाल मेहता जी का निधन दुःखद. वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें"
'सोनेलाल मेहता का निधन अपूरणीय क्षति': वहीं, ललन सिंह ने अपने शोक संदेश में लिखा कि "समता पार्टी के गठन काल से मजबूत साथी रहे पूर्व विधान पार्षद श्री सोनेलाल मेहता जी के निधन की खबर से मर्माहत हूं. उनके निधन से एक कुशल समाजसेवी एवं कर्मठ साथी की अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों के लिए संबल की कामना करता हूं".
1972 में की राजनीतिक जीवन की शुरुआतः आपको बता दें कि सोनेलाल मेहता ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1972 में समाजवादी युवजन सभा से की थी. उन्होंने 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में खगड़िया में छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया. 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें उप कारा खगड़िया में बंदी के रूप में डीआईआर के अधीन रखा गया था. फिर 1975 के अंत में उन्हें मीसा के तहत बक्सर सेंट्रल जेल में कैद किया गया, जहां वे एक साल से अधिक समय तक जेल में रहे.
1977 में कांग्रेस पार्टी में हुए थे शामिलः सोनेलाल मेहता 1985 में जनता पार्टी के माध्यम से 1977 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. 1987 में उन्हें खगड़िया जिला युवा कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया गया. जिसके लिए वे करीब आठ साल तक जिलाध्यक्ष रहे. बाद में समता पार्टी में शामिल हो गए जहां उन्हें प्रदेश का महासचिव बनाया गया.