पटना:बिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष सम्राट चौधरीने सोमवार को पदभार संभाल लिया. उससे पहले रविवार को बीजेपी के कार्यकर्ता की ओर से एक पोस्टर लगाकर सीएम नीतीश को एक अण्णे मार्ग खाली करने का संदेश दिया गया था. इसपर बिहार विधान परिषद में मीडिया से मुखातिब होते हुए नीरज कुमार ने निशाना साधा. नीरज कुमार ने कहा कि इन लोगों को अणे लिखने भी नहीं आया. बीजेपी की भाषाई दरिद्रता है.
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बोले नीरज- 'बीजेपी को एक अण्णे भी लिखने नहीं आया': नीरज कुमार ने कहा कि पन्ना प्रमुख की पार्टी और इसे अण्णे लिखने भी नहीं आया, जिसे यह लिखने नहीं आया, उसे सत्ता का अन्न कभी नहीं मिलेगा. साथ ही नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के लिए सोचने का समय है. नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, जनक राम के लिए सोचनीय विषय है, क्या इन लोगों के पास कोई पात्रता नहीं है? राजनीति में जितने दिन इन लोगों ने बीजेपी के लिए मेहनत की, अपने सामाजिक समूह से अपमान भी सहा, पार्टी का झंडा उठाकर घूमे, अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई में जिन्होंने कोई कुर्बानी नहीं दी थी, उसके साथ रहे. लेकिन इन लोगों को इग्नोर किया गया है.
"मेरी सलाह है कि जब पोस्टर, बैनर लगाएं तो कम से कम मोदी चश्मा लगा कर देख लें. क्योंकि शब्द की जब गड़बड़ी होती है तो पार्टी गुनहगार मानी जाती है."- नीरज कुमार, विधान पार्षद, जेडीयू
'उपेंद्र कुशवाहा को अपनी ये बात याद है या नहीं?': उपेंद्र कुशवाहा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में नीरज कुमार ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के सारे सदस्य उनके साथ ही चले गए, हमको नहीं मालूम है. लेकिन मेरा उपेंद्र कुशवाहा से एक ही सवाल है कि सम्राट अशोक की जिसने नाटक के द्वारा भाषाई अपमान किया, जलील किया, उसे केंद्र सरकार ने पद्मश्री का अवार्ड दिया और आपने उस सवाल को उठाया तो उस सवाल पर आप कायम है या नहीं. दया सिन्हा की पद्मश्री वापस होनी चाहिए या सत्ता की मलाई में वह भी भूल गए.
'बीजेपी को शनि की साढ़े साती': एक अन्य सवाल के जवाब में नीरज कुमार ने कहा कि सुशील कुमार मोदी का इतना अपमान करने की क्या जरूरत है? सुशील कुमार मोदी भी लंबे वक्त से जनसंघ से जुड़े रहे हैं. संजय जायसवाल में क्या कोई डिमैरिट है? राजनीति में बटाईदार नहीं चलता. बिहार को झारखंड से मिलाया जा सकता है तो बात समझ में आती है लेकिन उत्तर प्रदेश से बिहार का क्या रिश्ता रहा है? हमारा रिश्ता बिहार झारखंड और बंगाल से रहा है, उड़ीसा से रहा है. इसीलिए बीजेपी को शनि की साढ़ेसाती सवार है.