पटना: बिहार में सत्ताधारी जेडीयू ने मंगलवार को लोकसभा में भले ही नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया हो लेकिन अब इसे लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं.
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा के बाद विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पार्टी के समर्थन पर नाराजगी जताते हुए नीतीश कुमार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
बलियावी ने पत्र में लिखा, 'माननीय मुख्यमंत्री, सह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष. इस समय पूरे देश और विशेष कर बिहार, झारखंड, बंगाल एवं असम में आम लोगों का बराबर दबाव आ रहा है कि आपके नेता की कर्मठता की जो पहचान रही है वो गलत को गलत कहने की रही है चाहे वो बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि का मामला हो अथवा तीन तलाक, अनुच्छेद-370 एवं एनआरसी का मामला हो. संविधान विरोधी प्रस्ताव को नकारना और हर संप्रदाय एवं भारतीय नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकारों के समर्थन में आना ही आपकी पहचान है. वर्तमान में नागरिकता संशोधन बिल का हमारी पार्टी द्वारा लोकसभा में समर्थन किये जाने से अल्पसंख्यकों, विशेष कर मुस्लिमों के बीच जो बेचैनी एवं परेशानी उत्पन्न हुई है. इसके संबंध में आपसे पार्टी द्वारा लिये गये निर्णय पर गंभीरता से पुनर्विचार की आग्रह करता हूं.'
प्रशांत किशोर और पवन वर्मा जता चुके हैं विरोध
इससे पहले पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और जेडीयू के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने इस विधेयक के पार्टी के समर्थन किए जाने का विरोध करते हुए पार्टी के इस फैसले को निराशाजनक बताया है. वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.