पटनाः जैसे-जैस बिहार विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है. वैसे-वैसे सियासत जोर पकड़ती जा रही है. मंगलवार को एनआरसी और नागरिकता कानून पर सीएम नीतीश की चुप्पी पर पोस्टर जारी किया गया. जिसका आरोप जेडीयू नेताओं ने आरजेडी पर लगाया. अब पोस्टर का जबाव देने के लिए जेडीयू ने भी पोस्टर जारी कर लालू-राबड़ी के शासनकाल से नीतीश राज की तुलना की गई है.
जेडीयू कार्यालय में पोस्टर दिखाता पार्टी कार्यकर्ता बिहार में पोस्टर पॉलिटिक्स पुराना है. नीतीश कुमार 2015 विधानसभा चुनाव में भी अपने स्लोगन और पोस्टर के माध्यम से चर्चा के केंद्र बिंदु में थे. वहीं, अब नीतीश कुमार के खिलाफ पटना में लगे पोस्टर पर जेडीयू ने पलटवार करते हुए आरजेडी के खिलाफ पोस्टर जारी किया है. जेडीयू की तरफ से जारी पोस्टर में लालू राबड़ी के भय का 15 साल और नीतीश कुमार के भरोसे का 15 साल दिखाया पोस्टर में लालू राबड़ी के शासन से तुलना की गई है. पोस्टर में एक गिद्ध की फोटो भी डाली गई है. दूसरी तरफ नीतीश कुमार के 15 साल के भरोसे शासन में कबूतर की फोटो दिखाई गई है, यानी लड़ाई पूरी तरह 2020 की शुरू हो चुकी है.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट कई जगहों पर लगेगा पोस्टर
बता दें कि मंगलवार को नीतीश कुमार का एक लापता गूंगा बहरा और अंधा वाला पोस्टर लगाया गया, जिसके जवाब में आज जेडीयू की तरफ से प्रदेश कार्यालय से पोस्टर जारी किया गया है. ये पोस्टर पार्टी कार्यालय सहित कई स्थानों पर लगाने की तैयारी है. पोस्टर वार के बीच सीएम नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली यात्रा पर हैं, उनका तीसरा चरण चल रहा है. बुधवार को सीएम गया में कैबिनेट की बैठक भी करेंगे और उसमें कई बड़े फैसले भी ले सकते हैं. गंगाजल को राजगीर गया जैसे शहरों में ले जाने की तैयारी है.
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'लापता नीतीश कुमार' का लगा पोस्टर
बता दें कि मंगलवार को जारी पोस्टर में लिखा गया है 'गूंगा, बहरा और अंधा मुख्यमंत्री किसी को दिखे तो बिहार को लौटा दें'. हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका कि पोस्टर किसने लगवाए हैं. वहीं, जेडीयू नेताओं ने आरजेडी पर सीएम की छवि खराब करने का आरोप लगाया.