पटना/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) बिहार की तरह चलना तो साथ चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी राहें जुदा हो गईं. दोनों पार्टियों के नेताओं में कई बार वार्ता के बावजूद बात नहीं बन पाई और गठबंधन होते-होते रह गया. इसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने अकेले ही यूपी चुनाव लड़ने का फैसला (JDU will contest elections in UP) ले लिया है.
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि अगर यूपी में गठबंधन नहीं हुआ तो इसका बिहार सरकार और एनडीए सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पेश है राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी से बातचीत के प्रमुख अंश..
सवाल:लड़ना तो आप भाजपा के साथ चाहते थे, वार्ता भी हुई, लेकिन कमी कहां रह गई?
केसी त्यागी:हम तो अब भी लड़ना चाहते हैं. बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है. आप उनके नेतृत्व से पूछे तो बेहतर होगा. हमारी पार्टी के जो वार्ताकार आरसीपी सिंह ने गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान से कई बार बात की. भाजपा का नेतृत्व भी लगातार सकारात्मक था. अंतिम समय में उन्होंने अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी. हमारे सामने अपनी पार्टी को पहचान को बचाना जरूरी था, इसलिए हमने अकेले लड़ने का फैसला किया.
सवाल:ट्विटर पर आपकी पार्टी और भाजपा के पदाधिकारियों के बीच ट्विटर वार चल रहा है. क्या बिहार में कुछ ठीक नहीं है?
केसी त्यागी:बिहार में हमारी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने जब तक तक हम गठबंधन में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर नड्डा जी के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. क्योंकि इस समय जनसभाएं बंद है, प्रेस कॉन्फ्रेंस भी सीमित है तो दोनों दलों के कार्यकर्ता समय-समय ट्विटर के जरिए अपनी बात कहते रहते हैं. इसको ट्विटर युद्ध नहीं कहना चाहिए बल्कि ट्विटर वार्तालाप कहना चाहिए.