पटना: नालंदा जिला के दो कार्यकर्ताओं के आवेदन पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU state president Umesh Kushwaha) ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को नोटिस भेज जवाब मांगा है. इसको लेकर बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Former Union Minister RCP Singh) के नजदीकी व जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया सिंह (Kanhaiya Singh On RCP Singh ) ने पूरे प्रकरण पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि अकूत संपति दिल्ली, मुंबई या पटना में मिली है? गांव में खेती वाली जमीन मिली है. जब उस जमीन को लिया गया होगा तो उसकी कीमत काफी कम रही होगी.
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आरसीपी सिंह के करीबी कन्हैया सिंह का पलटवार:आरसीपी सिंह के करीबी कन्हैया सिंह ने कहा कि जो जमीन मिली है वो 2012-13 में लिया गया था. उस समय हजार और लाख रुपए बीघा जमीन मिलती थी. ये 2012 से लेकर 2022 तक की बात कर रहे हैं. आरसीपी सिंह की दोनों बेटी पिछले 10 साल से भी अधिक समय से इनकम टैक्स फाइल रिटर्न कर रही हैं. खेती से दोनों को 30 लाख रुपया आमदनी होती है और इनकम टैक्स में यह घोषित है.
"रामचंद्र बाबू आज पिछड़े और अति पिछड़ों के इतने बड़े नेता हो चुके हैं कि उनकी पॉपुलैरिटी से घबराकर पार्टी के नेता बार-बार आरोप लगा रहे हैं. कुछ नहीं था राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया गया कोई बात नहीं है. पटना में जिस मकान में रहते थे किसी का दिया हुआ था, वह छीन लिया गया. मंत्री पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अपने गांव मुस्तफापुर में जाकर बैठ गए. क्या आरसीपी सिंह ने जमीन के बदले किसी को नौकरी दी है?"- कन्हैया सिंह, आरसीपी सिंह के करीबी
क्या है आरसीपी सिंह संपत्ति विवाद :बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि नालंदा जिले के दो जेडीयू नेताओं ने सबूतों के साथ उनके खिलाफ शिकायत की है. शिकायत में कहा गया कि आरसीपी सिंह ने उनके और उनके परिवार के नाम पर साल 2013 से 2022 के बीच अकूत अचल संपत्ति अर्जित की. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हैं. इस मामले में जेडीयू ने आरसीपी सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. प्रदेशाध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि वे जल्द से जल्द उनके और उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति के मामले में अपनी राय स्पष्ट करें और पार्टी आलाकमान को इस बारे अवगत कराएं.
फिलहाल, नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच पिछले कुछ महीनों से खटास की खबरें आ रही थी. लेकिन इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद ये साफ हो गया है कि आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर किए जाने की पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. बिहार की राजनीति में कभी नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच गहरी दोस्ती मानी जाती थी लेकिन समय के साथ रिश्ते बदलते चले गए.