पटनाः बिहार में खरमास बाद सियासत में कुछ बड़ा उलटफेर होने के दावे किए जा रहे हैं. सोमवार को बीजेपी के आरजेडी के टूटने वाले बयान का समर्थन करते हुए सांसद ललन सिंह ने कहा था कि अगर भूपेंद्र यादव चाह लें तो आरजेडी का बीजेपी में विलय हो सकता है. इसपर आरजेडी ने ट्वीट के जरिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. इससे सूबे की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है. जेडीयू ने आरजेडी के ट्वीट पर पलटवार किया है.
"आरजेडी का ट्वीट उनकी हताशा और बौखलाहट का परिचायक है. जेडीयू के विलय वाले दावे के बाद आरजेडी के पास आत्ममंथन का अवसर था, लेकिन उन्होंने जिस तरह से तिलमिलाहट के साथ इसका जबाव दिया है. वह उनकी संस्कृति से मेल खाता है."- राजीव रंजन, प्रवक्ता, जेडीयू
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन 'ट्वीट से प्रदर्शित हुई आरजेडी की संस्कृति'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आरजेडी ने अपने ट्वीट में शब्दों की मर्यादा को तार-तार कर दिया है. उनके इस ट्वीट से प्रदर्शित हुई उनकी संस्कृति उनके चेहरे से मेल खाती है. उन्होंने कहा कि आरजेडी को अभद्र शब्दों का प्रयोग करने की बजाय पार्टी के अंदर जो घमासान है और नेतृत्व के प्रति बढ़ते हुए अविश्वास की तरफ ध्यान देने की जरूरत है. लेकिन वे हमारे साथ गाली गलौज की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं.
आरजेडी का ट्वीट
बता दें कि बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने रविवार को कहा था कि सरमास के बाद आरजेडी टूट जाएगी. इसे बचा सकते हैं तो बचा लें. इसपर जेडीयू की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद ललन सिंह ने कहा था कि भूपेंद्र यादव चाह लें तो आरजेडी का विलय बीजेपी में हो जाएगा. ललन सिंह के बयान के बाद आरजेडी ने ट्वीट किया, ये जीजा जी की नहीं समर्पित कार्यकर्ताओं की पार्टी है. अरुणाचल प्रदेश में किसकी पार्टी का किसने विलय किया?
बिहार की सियासत
बिहार में जेडीयू से लेकर कांग्रेस और आरजेडी तक के टूटने के दावे किए जा रहे हैं. इसके साथ ही बयानबाजी का दौर भी जारी है. ऐसे में देखना है कि खरमास के बाद बिहार की सियासत में किस तरह की हलचल होती है.