संतोष सुमन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, HAM. पटना: बिहार में हो रही जातीय गणना पर सियासी घमासान मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है. महगठबंधन के नेता भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. जदयू ने एक सितंबर से घर घर जाकर बीजेपी को अतिपिछड़ा विरोधी बताने का अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. जिला में मशाल जुलूस भी निकालने की तैयारी है. जदयू की इस तैयारी के विरोध में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने बड़ा बयान दिया है.
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"बीजेपी ने कभी भी जातीय गणना का विरोध नहीं किया है. इस मसले पर जदयू अब राजनीति कर रहा है. नीतीश जी बड़े सोशल इंजीनियर हैं. वो कुछ से कुछ कर लोगों का वोट लेने का काम करते रहे हैं. कभी वो दलित को दो भाग में बांटते हैं तो कभी किसी जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देकर वोट ले लेते हैं और बाद के उस दर्जा को हटा देते हैं."- संतोष सुमन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, HAM
जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगायाः संतोष सुमन ने कहा कि हमलोग शुरू से सोच रहे हैं कि बिहार में जातीय गणना हो. जिसके बाद सही जातियों के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि दलित जाति की संख्या जब सही सही पता चल जाएगा तो उसके हिसाब से हम लोग भी काम करेंगे. राजनीति में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग करेंगे. संतोष सुमन ने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पर कुछ से कुछ बोलकर जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया.
योजनाओं का होमवर्क नहीं करते हैं मुख्यमंत्रीः संतोष सुमन ने कहा कि बीजेपी को अतिपिछड़ा विरोधी बताया जा रहा है. जदयू को पता होना चाहिए की नरेंद्र मोदी लगातार इस समाज के लिए काम करते रहे हैं. यह बात इस समाज के लोग भी जानते हैं. नीतीश कुमार खुद जब कोई योजना लाते हैं तो उसका होमवर्क नहीं करते हैं. वो सब कोर्ट के चक्कर में फंस जाता है. जातीय गणना को भी इन्होंने बिना होम वर्क किये शुरू कराया है.
नीतीश कुमार को सिर्फ राजनीति करने आता हैः संतोष सुमन ने कहा कि नीतीश कुमार को सिर्फ राजनीति करने आता है. उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में नल जल योजना सफल हुआ क्या. शराब बंदी भी सही तरीके से लागू हुई. इस बार जान बूझकर जातीय गणना को फंसाना चाह रहे हैं और दोष बीजेपी के ऊपर डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता इन्हें ऐसी राजनीति करने को लेकर जवाब देगी.