पटना: नीतीश कुमार से अलग होने के बाद भाजपा की नजर पिछड़ा-अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. पार्टी ने रणनीति के तहत पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेता सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. सम्राट चौधरी के जरिए लव-कुश वोट बैंक को पार्टी ने साधने की कोशिश की. वहीं अब अति पिछड़ा वोट बैंक पर भाजपा की नजर है. अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले नेताओं को लगातार पार्टी में शामिल कराया जा रहा है.
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"बिहार में पिछड़ा वोट सत्ता की कुर्सी की चाबी है. महागठबंधन और एनडीए दोनों ओर से जोर आजमाइश चल रही है. भाजपा दो मोर्चे पर जदयू की घेराबंदी कर रही है. भाजपा ने कई नेताओं को पार्टी में शामिल करा कर जदयू की मुश्किलें बढ़ा दी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पिछड़ा- अति पिछड़ा वोट का ज्यादा शेयर किसको मिलता है."-डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
नीतीश की पार्टी खत्म हो जाएगीः भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि अति पिछड़ा और पिछड़ा अब पूरी तरह भाजपा के साथ हैं. नीतीश कुमार को अति पिछड़ा समुदाय के लोगों ने छोड़ दिया है. जेडीयू के नेता लगातार पार्टी छोड़कर हमारे दल में शामिल हो रहे हैं. प्रमोद चंद्रवंशी भी जदयू छोड़कर भाजपा में आ गए हैं. लोकसभा चुनाव आते-आते नीतीश कुमार की पार्टी खत्म हो जाएगी. मिथिलेश तिवारी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार सुरक्षा व्यवस्था से अलग होकर जनता के बीच जाएंगे तो उन्हें उनकी लोकप्रियता के बारे में अंदाजा लग जाएगा.