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'BJP के इशारे पर बिहार पहुंची है मानवाधिकार आयोग की टीम'.. JDU-RJD ने निकाली भड़ास - Chhapra news

छपरा जहरीली शराब कांड (chhapra spurious liquor case) की जांच करने मानवाधिकार आयोग की टीम बिहार पहुंची है. जिसको लेकर जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा व RJD ने जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि यह BJP की साजिश है. उसी के इशारे पर आयोग की टीम बिहार पहुंची है. पढ़ें पूरी खबर...

उपेंद्र कुशवाहा व आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव
उपेंद्र कुशवाहा व आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव

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Published : Dec 20, 2022, 5:56 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 7:17 PM IST

JDU के उपेंद्र कुशवाहा और RJD प्रवक्ता शक्ति यादव का बयान

पटनाःबिहार में जहरीली शराब कांड (Bihar Hooch Tragedy) पर पहले ही सिसासी घमासान जारी है. वहीं जब छपरा शराब कांड की जांच करने मानवाधिकार आयोग की टीम बिहार पहुंची तो इसपर भी राजनीतिक खिचड़ी पकनी शुरू हो गई. JDU और RJD ने आयोग की टीम के बहाने BJP पर निशाना साधा. सत्तापक्ष के नेताओं ने कहा कि BJP के इशारे पर ही आयोग की टीम जांच करने के लिए बिहार पहुंची है.

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गुजरात हादसे में क्यों नहीं गई टीम? : उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मानवाधिकार की टीम से आपत्ति नहीं है. लेकिन इतना जरूर कहना है कि कोई भी इस तरह का विषय हो, उसे संगठन को समान रूप से देखना चाहिए. इस तरह की घटना बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश या गुजरात में घटी है. गुजरात हादसे में 150 से 200 लोग मारे गए तो वहां आयोग की टीम नहीं गई. लेकिन सिर्फ बिहार आने का क्या मतलब है? इसका मतलब है कि राजनीति से प्रेरित होकर कोई करवा रहा है.

सिर्फ बिहार में ही क्यों? :जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब मानव अधिकार आयोग की टीम बिहार का दौरा कर रही है तो उसको उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित अन्य राज्यों को भी देखना चाहिए था. बिहार आई कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उसी नजर से उत्तर प्रदेश गुजरात सहित अन्य राज्यों को भी देखना चाहिए. लेकिन बिहार का दौरा कर रही है.

"मानवाधिकार की टीम से कोई परेशानी नहीं है. उत्तर प्रदेश या गुजरात में भी इस तरह की घटना घटी है. वहां भी आयोग की टीम को जानी चाहिए. लेकिन वहां नहीं जाकर सिर्फ बिहार आना साबित करता है कि यह राजनीतिक षडयंत्र है."-उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

दूसरे राज्यों में नहीं हो रही जांचःइधर, RJD प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि 4 महीने पहले तक जब गोपालगंज मोतिहारी और अन्य इलाकों में शराब से मौत की घटना हुई थी. उस समय आयोग की टीम क्यों नहीं आई? वहीं, दूसरे राज्यों में बिहार से अधिक घटनाएं हो रही है. लेकिन वहां आयोग की टीम नहीं गई. मानवाधिकार आयोग की टीम भाजपा अधिकार आयोग की टीम बन गई है.

"देश में सार्वाधिक जहरीली शराब से मौत भाजपा शासित राज्यों में हुई. सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में 1200 लोगों की मौतें हुई. वहां आयोग की टीम क्यों नहीं गई. मानवाधिकार आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रही है."-शक्ति यादव, आरजेडी प्रवक्ता

भाजपा शासित राज्यों में शराब से अधिक मौतः शक्ति यादव ने कहा कि भारत सरकार के आंकड़े कहते हैं कि देश में सर्वाधिक जहरीली शराब से मौत भाजपा शासित राज्यों में हुई है. एक नंबर पर मध्यप्रदेश जहां 1200 से अधिक मौतें हुई. गुजरात में शराबबंदी है, जहां 50 से ज्यादा मौतें हुई. कर्नाटक दूसरे नंबर पर हैं. हरियाण और उत्तर प्रदेश में भी जहरीली शराब से मौत हुई, लेकिन मानवाधिकार आयोग की टीम वहां नहीं गई. मानवाधिकार आयोग भाजपाधिकार आयोग बन गई है.

कई जिलों में हुई है मौतः आयोग के अनुसार 17 दिसंबर, 2022 को की गई मीडिया रिपोटों के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 14 दिसंबर, 2022 को हुई जहरीली शराब त्रासदी में 73 लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकारी आंकड़ों में 38 लोगों की मौत हुई है.

Last Updated : Dec 20, 2022, 7:17 PM IST

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