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पटना: बिहार बंदी को लेकर पटना में आगजनी के बाद सड़क जाम, जमकर हुई नारेबाजी

जाप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव ने इस बिल के विरोध में बिहार में बंद बुलाया था. प्रदेश के कई जिलों में जाप के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.

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Published : Sep 25, 2020, 4:36 PM IST

पटनाः जन अधिकार पार्टी की ओर से बिहार बंदी को लेकर पटना के बिहटा में जाप कार्यकर्ताओं ने आगजनी करके सड़क जाम किया. साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दोनो संसद में किसान बिल पास होने के बाद अब बिल के खिलाफ बिहार में विपक्षी पार्टियां भी विरोध में आ गई है.

बिहार बंदी
वहीं जाप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव ने इस बिल के विरोध में आज बिहार में बंदी बुलाई थी. जिसको लेकर जाप पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से किसान बिल के विरोध में बिहार बंद को लेकर राजधानी पटना के बिहटा में आगजनी कर, मुख्य सड़क औरंगाबाद, पटना मार्ग के रेलवे ओवरब्रिज को जाम कर, किसान विरोधी कानून का विरोध किया. वहीं इस दौरान बिहटा-औरंगाबाद एसएच-2 मुख्य सड़क पर काफी लंबा जाम भी लग गया. जिसके कारण आम इंसान को आने-जाने में काफी परेशानी होने लगी.
वहीं इस विरोध प्रदर्शन में जाप पार्टी के युवा प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी, जाप के प्रदेश सचिव बेसलाल यादव, प्रखंड अध्यक्ष अजय यादव, प्रखंड उपाध्याय मिथ्लेस कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, अनुज कुमार, जज कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

किसान बिल काला कानून
वहीं मौके पर युवा जाप के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार किसान बिल लाकर किसानों को और गरीबी के अंदर धकेल दी है. यह काला कानून नहीं चलेगा. हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव के आवाहन पर हमारे पार्टी ने इसका विरोध किया और आज बिहार को बंद किया है. इसके विरोध में आंदोलन आगे भी करते आएगी, जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती. साथ ही उन्होंने बताया कि इस कानून से किसानों को अधिकार से वंचित रखने का षडयंत्र रचा गया है. इस कानून से मंडी व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी. निजी कंपनियों का बोलबाला रहेगा, वह मालामाल हो जाएंगे, किसानों का फसल औने-पौने दाम में बिकेगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

कृषि बिल के खिलाफ जाप सड़कों पर
रजनीश कुमार तिवारी ने कहा कि जन अधिकार पार्टी की मांग है कि केंद्र सरकार और एक बिल लायें जिसमें यह सुनिश्चित हो कि किसानों का फसल एमएसपी से नीचे रेट में कोई भी कंपनी नहीं खरीदेगी. इस बिल से बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लाभ होगा. उनके फसल को निजी कंपनी एमएसपी से तय रेट से उपर नहीं खरीदारी करेंगे. बल्कि उन्हें मजबूरन अपना फसल इस कानून को लागू हो जाने से एमएसपी से कम रेट में बेचना पड़ेगा. सरकार किसान हित में सुनिश्चित करें कि कोई भी कंपनी यह संस्थान एमएसपी से नीचे में खरीदारी नहीं करेगी. वरना इस कृषि बिल के खिलाफ जाप सड़कों पर होगी.

किसान बिल का विपक्षी पार्टियां कर रही विरोध
गौरतलब है कि संसद में किसान बिल पास होने के बाद देश में किसान और विपक्षी पार्टियां लगातार इसका विरोध कर रही है और काला कानून बता कर सरकार से इसको वापस करने की मांग कर रही है. वैसे बता दें कि बिहार में चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने घोषणा भी कर दी है और अब बिहार में विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को गिरते हुए सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन करने में उतर चुकी है.

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