पटनाः हड्डी की दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा (Rare Genetic Disease Osteogenesis Imperfecta) से ग्रसित 22 वर्षीय नीतीश कुमार के आगे के इलाज का पूरा खर्च भारतीय क्रिकेटर ईशान किशन के पिता प्रणव पांडेय वहन करेंगे (Ishaan Kishan Father will Bear Cost of Nitish Kumar Treatment). बताते चलें कि नीतीश कुमार को बचपन से ही हड्डी की गंभीर रोग ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा है. अब तक उनका इलाज पटना के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह के यहां चल रहा है. नीतीश काफी गरीब परिवार से आते हैं. लाइलाज बीमारी होने की वजह से उनके माता-पिता ने उन्हें ठुकरा दिया, जिसके बाद उनके मौसा ने उन्हें अपनाया और वहीं नीतीश को खाना खिलाने से लेकर तमाम देखभाल करते हैं. नीतीश के मौसा साल 2008 में डॉक्टर अमूल्य सिंह के पास लेकर आए थे. उस समय लगभग ढाई वर्षों तक ट्रीटमेंट डॉक्टर अमूल्य सिंह ने निशुल्क किया था और इसमें लायंस क्लब की तरफ से आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ था.
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सर्जरी के बाद मिला आरामः मरीज नीतीश कुमार ने बताया कि हाल ही में अक्षत सेवा सदन में डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह ने निशुल्क सर्जरी किया है. दाहिने पैर की हड्डी टूट गयी थी, जिसे सर्जरी कर ठीक किया गया है. अब तक मेरा इलाज डॉक्टर अमूल्य सिंह के यहां पूरी तरह निशुल्क हुआ है. इसके लिए मैं डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह का शुक्रगुजार हूं. उनके लंबे जीवन की कामना करता हूं. उनकी वजह से ही मुझे कष्ट से राहत प्रदान हुआ है. अब मैं पहले से स्वस्थ और बेहतर महसूस कर रहा हूं.
कांच की तरह टूटती रहती हैं हड्डियांः वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह ने बताया कि ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा एक असाध्य अनुवांशिक बीमारी है. इसमें हड्डी काफी कमजोर हो जाती है. हल्के झटके पर शरीर की हड्डी एक कांच की तरह टूटती रहती है. हड्डी टूटने की वजह से शरीर के अन्य सारे सेल भी कमजोर हो जाते हैं. पूरा शरीर कमजोर हो जाता है. शरीर में काफी दर्द महसूस होती है. यह एक लाइलाज बीमारी है. इस बीमारी से ग्रसित मरीज के इलाज में काफी खर्च होते हैं. ऐसे मरीज की आयु भी लंबी नहीं होती, लेकिन यह एक अनोखा मामला है कि इस बीमारी से ग्रसित युवक 22 वर्ष का हो गया है और अब तक जीवित है.
आठ वर्ष की उम्र से हो रहा इलाजः उन्होंने कहा कि इलाज में अधिक खर्च होने की वजह से परेशान होकर नीतीश के माता-पिता ने उसे ठुकरा दिया था. जिसके बाद उसके मौसा ने अपनाया और साल 2008 से हमारे पास उसे लाए. वे नीतीश को 8 वर्ष की आयु से ट्रीटमेंट दे रहे हैं. डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह ने कहा कि जब मुझे नीतीश के बारे में पता चला कि उसके मां-बाप ने बीमारी में अधिक खर्च की वजह से उसे ठुकरा दिया है और उसके मौसा आर्थिक रूप से कमजोर रहने के बावजूद इस बच्चे की देखरेख और सेवा करना अपना सौभाग्य समझते हैं. यह जानकर बेहद अच्छा लगा कि आज के समय समाज में भी ऐसे लोग हैं. इसलिए मैंने इस बच्चे की पूरी तरह से निशुल्क इलाज करने का निर्णय लिया, जिसमें बच्चे का चिकित्सीय खर्च उन्होंने खुद और लायंस क्लब ने मिलकर भरा.