पटना: इंटर की हुई परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है. शिक्षकों की हड़ताल के बाद कॉपी ससमय जांचकर मूल्यांकन कराने में शिक्षा विभाग को नाकों चने चबाना पड़ रहा है. ऐसे में सीतामढ़ी के डीएम का जारी एक पत्र तहलका मचा रहा है. इस पत्र के मुताबिक कार्यपालक सहायकों को मूल्यांकन कार्य में लगाने का आदेश जारी किया गया है.
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक के साथ सभी जिलों के डीएम, डीडीसी और अन्य शिक्षा पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में मूल्यांकन कार्य का जायजा लिया. शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार के मुताबिक इंटर कॉपियों का मूल्यांकन 9 मार्च तक पूरा करना है. इसके लिए जो शिक्षक मूल्यांकन कार्य में लगाए गए हैं, उन्होंने अगर योगदान नहीं दिया, तो उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक और कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है.
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वहीं, मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य 5 मार्च से 17 मार्च के बीच होना है. लेकिन शिक्षकों की कमी सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है. इसे लेकर कुछ निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर सभी डीएम और डीईओ को शिक्षक प्रतिनिधियों से वार्ता कर उन्हें मूल्यांकन कार्य में सहयोग करने की अपील करने को कहा गया है. वहीं वित्त रहित अनुदानित शिक्षक का मूल्यांकन कार्य से इनकार करने पर कार्रवाई करने को भी कहा गया है.
कार्यपालक जांचेंगे कॉपियां
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों में गेस्ट टीचर्स को मूल्यांकन कार्य में लगाने का आदेश जारी किया है. इधर सीतामढ़ी डीएम ने कार्यपालक सहायकों की पूरी लिस्ट जारी की है, जिन्हें इंटर के मूल्यांकन कार्य में लगाया जा रहा है. इसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे मूल्यांकन कार्य से छात्रों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा.
ये रही कार्यपालकों की लिस्ट इन सबके बीच वित्त रहित अनुदानित शिक्षकों के भी हड़ताल में जाने से नाराज शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी वित्त रहित अनुदानित शिक्षकों पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
वित्त रहित अनुदानित शिक्षकों पर कार्रवाई का आदेश