पटना: बिहार के चुनाव में इस बार सबसे हॉट सीट के रूप में जिस विधानसभा सीट को देखा जा रहा है वह है राघोपुर. आखिर सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. पिछली बार करीब 23 हजार वोट से जीतने वाले तेजस्वी का मुकाबला एक बार फिर भाजपा के सतीश कुमार से है. लेकिन इस बार चुनावी मुकाबले लोजपा, रालोसपा और जाप उम्मीदवार जीत-हार को प्रभावित कर सकते हैं.
यादव वोटर्स की बहुलता
आंकड़ों के मुताबिक राघोपुर में कुल वोटर्स की संख्या 3 लाख 35 हजार हैं. इनमें सबसे बड़ी आबादी यादव वोटर्स की है. जिसके बाद राजपूत मतदाता का नंबर आता है. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में यादव वोट करीब एक लाख तीन हजार जबकि राजपूत वोटर्स की संख्या करीब 72,000 है. इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र में पासवान जाति के 43,000 मतदाता और रविदास जाति के करीब 27000 हैं. जो किसी भी चुनावी गणित के आंकड़ो को बिगाड़ने की कुबत रखते हैं.
प्रतिशत में बात करें तो राधोपुर विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाता 30 फीसदी, 21 फीसदी राजपुत मतदाता. इसके अलावे 12 प्रतिशत पासवान और करीब 8 प्रतिशत रविदास वोटर्स भी है. इस बार तेजस्वी यादव और भाजपा के सतीश कुमार को मिलाकर कुल 14 उम्मीदवार राघोपुर से मैदान में हैं.
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बात अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की करें तो, उस समय अपना पहला चुनाव लड़ने वाले तेजस्वी यादव ने भाजपा के सतीश कुमार को करीब 22,700 मतों से हराया था. चुनावी गणित को बिगाड़ने के लिए इस बार लोजपा ने इसी एक राजपूत उम्मीदवार राकेश रोशन को मैदान में उतार दिया है. जिससे तेजस्वी यादव की राह आसान होने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि लोजपा और राजद के बीच अंदर ही अंदर सेटिंग हुई है,ताकि तेजस्वी को फायदा मिल सके. हालांकि राजद नेता इस बात से पूरी तरह इनकार करते हैं.
'बिहार के सीएम के लिए हो रहा चुनाव'
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि लोजपा क्या कर रही है और क्या नहीं यह जवाब तो भाजपा और लोजपा ही दे सकती है. राजद नेता ने दावा किया है कि राघोपुर में इस बार तेजस्वी यादव पिछली बार से ज्यादा मतों से चुनाव जीतने वाले हैं. चितरंजन गगन ने कहा कि इस बार राघोपुर की जनता विधायक नहीं, बल्कि बिहार के सीएम का चुनाव करने वाली है.
गौरतलब है कि वैशाली जिला अंतर्गत आने वाला राघोपुर विधानसभा क्षेत्र लालू एंड फैमिली के लिए सबसे सुरक्षित गढ़ के रूप में माना जाता रहा है. यहां से दो बार लालू यादव और एक बार राबड़ी देवी चुनाव जीत चुकी है. हालांकि, 2010 में राबड़ी देवी यहां से सतीश कुमार से चुनाव हार गई थी. ऐसे में पुराने दिग्गज सतीश कुमार और राजपूत उम्मीदवार राकेश रौशन के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.