पटना/नई दिल्ली: पहली बार 12 मई को बिहार सरकार इंवेस्टर मीट का आयोजन दिल्ली में कर रही है. इसी सिलसिले में बिहार के उद्योग मंत्री शाहनावज हुसैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Industries Minister Shahnawaz Hussain ) की. इस दौरान शाहनवाज हुसैन ने फिल्मों में बिहार के प्रति दिखाए जा रहे परसेप्शन को लेकर आपत्ति (Perception of Bihar in Film ) जताई. उन्होंने कहा कि फिल्मों में बिहार की छवि को गुंडों वाली दिखाई जाती है. फिल्मों में बिहार की छवि गलत तरीके से पेश की जाती है. शाहनवाज हुसैन ने फिल्म मेकर्स से अपील करते हुए कहा कि अपनी फिल्म को हिट कराने के लिए बिहार के कंधे का इस्तेमाल बंद होना चाहिए. उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि ये धरती, बुद्ध, महावीर, गुरू गोविंद साहब की जन्मस्थली है. जिनको बिहार के बारे में जानकारी नहीं है वो बिहार आएं. वो खुद गया के प्रभारी हैं. फिल्म निर्माता गया आएं और जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ वहां जाकर ज्ञान प्राप्त कर लें.
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'बिहार के लोगों को सिर्फ गुंडे के रोल में बदमाश के रोल में दिखाया जाता है. फिल्में जो बन रहीं उसमें अपहरण, गंगाजल लोग समझ रहे हैं कि ये वही दौर है. जबकि हकीकत ये है कि अपहरण नीतीश के शासन काल में बनी. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड में बिहार में ऐसा कुछ नहीं है. तो हमारी उनसे (फिल्म निर्माताओं) भी अपील है कि जरा रहम करें. अपनी फिल्म हिट कराने के लिए बिहारियों के कंधे का इस्तेमाल बंद कीजिए. बिहार में जो है उसे दिखाइए' : शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार
'फिल्म हिट कराने के लिए बिहार को बदनाम किया जा रहा': दरअसल, इनवेस्टर्स वहीं निवेश करना चाहते हैं जहां पर शांति हो, लेकिन जिस तरीके से फिल्में बनाई जाती हैं. उसकी पटकथा लिखी जाती है उनमें बिहार की छवि गुंडों के रूप में पेश की जाती है. लोगों को लगता है कि बिहार की असलियत यही है. मंत्री शाहनवाज हुसैन ने गंगाजल, अपहरण आदि का उदाहरण देकर कहा कि जिस दौर को इन फिल्मों में दर्शाया गया है उस दौर से बिहार कहीं आगे जा चुका है. फिल्मों में ज्यादातर बिहार के कैरेक्टर के रूप में गुडों का परसेप्शन बनाया जा रहा है. निर्माताओं को इस तरफ ध्यान देना होगा. शाहनवाज हुसैन ने ऐसे फिल्म मेकर्स से रहम करने की अपील की.