पटना: वाणिज्य कर विभाग के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 32,000 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग के माध्यम से 26,166 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया गया था. पिछले वित्तीय वर्ष के तुलना में विभाग के माध्यम से 22.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
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16,000 करोड़ रुपये का राजस्व का संग्रहण
वाणिज्य कर विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वाणिज्य कर विभाग के कुल राजस्व का 75 प्रतिशत जीएसटी से प्राप्त होता है. जीएसटी के बाहर के वस्तु जैसे- पेट्रोलियम, विद्युत शुल्क प्रोफेसनल कर से 25 प्रतिशत की राजस्व की प्राप्ति होती है. जहां तक जीएसटी राजस्व संग्रहण की स्थिति है, इसमें विभाग के माध्यम से 16,000 करोड़ रुपये का राजस्व का संग्रहण किया गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि है. जीएसटी के बाहर के वस्तुओं पर कर संग्रहण में विभाग के माध्यम से पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 10.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
राजस्व संग्रहण में 50 से 60 प्रतिशत की आई थी कमी
वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव डॉ प्रतिमा ने बताया कि विभाग के माध्यम से ऐसे विपरीत परिस्थितियों में भी काफी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. साथ ही राजस्व संग्रहण के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं. लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों और आर्थिक मंदी में अप्रैल, मई और जून में राजस्व संग्रहण में 50 से 60 प्रतिशत की कमी आयी थी. वहीं विभाग के अथक प्रयास के कारण वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विभाग के माध्यम से सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है. वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव ने यह भी जानकारी दी कि विभाग के माध्यम से करदाताओं को कोरोना के कारण हुए कठिनाइयों को दूर करने का हर संभव प्रयास लगातार किया गया है. विभाग के माध्यम से करदाताओं की सुविधा के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय का कार्य भी किया गया. सरकार माध्यम से बिहार कराधान विवाद समाधान योजना (One time settlement scheme) लागू किया गया. जिसके कारण कोरोना काल में वैट से संबंधित बकाया भुगतान करने में करदाताओं को सहुलियत हुई.