विधानसभा और विधान परिषद के बीच बने कॉरिडोर का उद्घाटन पटनाः बिहार की राजधानी पटना स्थित विधानमंडल में विधानसभा और विधान परिषद के बीच एक नया कोरिडोर (Inauguration of new corridor in Bihar Vidhansabha) बनाया गया है. मंगलवार को इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने किया. इस कॉरिडोर को लेकर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि बहुत दिनों से यह जगह खाली थी. यहां पर एक छोटा सा गलियारा था. जब सदन चलता था तो यहां से आने-जाने में मुख्यमंत्री सहित, मंत्री और विधायकों को परेशानी होती थी.
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पतली गली से होता था आना-जानाःदेवेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि सभी का विधानसभा से विधान परिषद आना जाना लगा रहता है. हम भी 20 साल से सदन के सदस्य रहे हैं. हमें लग रहा था कि यह गलियारा ठीक नहीं है और इसीलिए इसकी चौड़ाई हमने बढ़ाई है. अब इसे एक काॅरिडोर बना दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जो सोच है, जल जीवन हरियाली की तो इस कॉरिडोर में चारों तरफ हरियाली दिखे, इसकी व्यवस्था भी की गई है.शी
काॅरिडोर से आने-जाने में होगी सुविधाः इस कॉरिडोर को बनने से विधान मंडल के सदस्यों में भी खुशी देखी गई. जेडीयू की विधान पार्षद रीना यादव ने कहा कि यह पहले बहुत पतली गली हुआ करती थी. आज इसकी चौड़ाई बढ़ा दी गई है और कहीं न कहीं यह बहुत अच्छा काम किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच रही है कि हरियाली हो तो इसकी व्यवस्था इस कॉरिडोर में की गई है. हम लोगों को इससे काफी सहूलियत होगी.
"यह गली बेकार और परित्यक्त पड़ा था. इसमें बेकार चीजें पड़ी रहती थी, लेकिन हमारे सभापति ने इसे एक काॅरिडोर का रूप देने का काम किया. इस काॅरिडोर में हरियारी की व्यवस्था की गई है" -रीना यादव, विधान पार्षद, जेडीयू
शांतिपूर्ण रहेगा शीतकालीन सत्रःशीतकालीन सत्र को लेकर भी देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि शीतकालीन सत्र पूरी तरह से शांतिपूर्ण में होगा. सदस्यों के साथ हमने बैठक की है. रही विपक्ष की बात, तो विपक्ष मुद्दा उठाते ही हैं. यह पहले से ही चला आ रहा है. विपक्षी सदस्य जो भी मुद्दा उठाएंगे सरकार उस पर संज्ञान जरूर लेगी और कोई खास बात नहीं है. हमें लग रहा है कि शीतकालीन सत्र शांतिपूर्ण ढंग से चलेगा.
"20 साल हो गए मुझे विधान परिषद में और मुझे हमेशा लगता था कि इस छोटे से गलियारे में आने जाने में लोगों को परेशानी होती थी. इसलिए मन में था कि इस पतली गली का कुछ न कुछ रास्ता निकालना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था. अब जब मैं इस पद पर आया तो मैंने उपाय किया इसका. यह रास्ता परित्यक्त था. इसलिए इसे मैंने एक काॅरिडोर का रूप दिया. ताकि इससे तमाम लोगों को विधानसभा से विधान परिषद का रास्ता तय करने में परेशानी नहीं हो". -देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद