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Published : Jul 28, 2020, 10:49 AM IST

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बिहार में 24 घंटे में बाढ़ के कारण 8 लोगों की मौत, 11 जिले प्रभावित

आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. बिहार के संभावित 11 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है. साथ ही आपदा मुख्यालय में 5 टीमों को रिजर्व में रखा गया.

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पटनाः आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बाढ़ से संबंधित आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि कुल 11 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है. जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिम चंपारण, खगड़िया और सारण जिले के 93 प्रखंड प्रभावित हुए हैं. जिनमें कुल 765 प्रभावित पंचायतों की संख्या है.

11 जिले बाढ़ से प्रभावित
मंत्री ने बताया कि इन जिलों में 24 लाख 42 हजार 725 लोग प्रभावित हुए हैं. कुल 29 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले कुल 12 हजार 858 लोग हैं. वहीं बिहार सरकार के सहयोग से कुल 11 जिलों में 703 सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है. जिसमें 3 लाख 28 हजार 357 लोग प्रतिदिन सामुदायिक रसोई में भोजन कर रहे हैं. आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार पिछले 24 घंटे में 8 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दरभंगा में 4, पश्चिम चंपारण में 4 की मौत हुई है.

आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री लक्ष्मेश्वर राय

आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत
आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. बिहार के संभावित 11 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है. साथ ही आपदा मुख्यालय में 5 टीमों को रिजर्व में रखा गया. जरूरत के हिसाब से इन्हें भी प्रभावी जिला में भेजा जाएगा. विभाग के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर रहे हैं.

नदियों का बढ़ता जलस्तर

चलाए जा रहे 29 राहत शिविर
आपदा विभाग के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के रहने की अलग व्यवस्था की गई है. सभी राहत शिविरों में मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था राज्य सरकार के तरफ से किया गया है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. जरूरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर पहुंचाया जा रहा है.

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