पटना:नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर चर्चा तो बहुत हो रही है, लेकिन बिहारमें एनईपी लागू करना बड़ा चैलेंज है. जो स्थितियां बिहार में हैं और जो शिक्षाविद आशंका जता रहे हैं उस आधार पर बिहार में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करना वर्तमान समय में इतना आसान नहीं दिखता.
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नई शिक्षा नीति में पूरे देश की स्कूलीऔर विश्वविद्यालय शिक्षा को वर्तमान जरूरतों के मुताबिक ढालने की सिफारिश की गई है. अब तक सरकारी व्यवस्था से बाहर रहे नर्सरी एजुकेशन को भी सरकारी स्कूलों से जोड़ने की सिफारिश की गई है. इसके साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा में स्थानीय भाषा में बच्चे पढ़ पाएंगे. इसके अलावा हायर एजुकेशन में भी व्यापक स्तर पर बदलाव की सिफारिश की गई है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बढ़ा दी बिहार की चुनौती
जिस तरह के बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए जाने हैं उसे लेकर बिहार कितना तैयार है हमने यह जानने की कोशिश की. बिहार में पहले से ही शिक्षा विभाग के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर सरकारी स्कूलों की व्यवस्था ठीक करना, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करना, शिक्षक छात्र अनुपात सही करना, कॉलेजों में आधारभूत संरचना बेहतर करना, रिसर्च और अन्य गतिविधियां बढ़ाने की चुनौती पहले से ही बिहार सरकार के सामने है. अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने यह चुनौतियां कई गुना बढ़ा दी है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खास बातें
- 3 साल से ऊपर के बच्चों को सरकारी स्कूलों से जोड़ना, उनके लिए नर्सरी स्तर की पढ़ाई शुरू करवाना
- कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देना
- कक्षा 6 से ऊपर के बच्चों को पारंपरिक पढ़ाई के साथ रूचि अनुसार कौशल विकास की पढ़ाई कराना
- 10+2 की जगह 5+3+3+4 सिस्टम नई शिक्षा नीति के तहत लागू होगा
शिक्षा विभाग ने बनाई 6 कमेटी
- शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति 2020 को बिहार में लागू करने के लिए 6 कमेटियां बनाई हैं. इन सभी कमेटियों को अलग-अलग दिशा में काम करने की जिम्मेदारी दी गई है.
- पहली समिति 3 साल से ऊपर के बच्चों के देखभाल और उनकी शिक्षा को लेकर रिपोर्ट देगी.
- दूसरी समिति को स्कूल रेगुलेशन और संबद्धता देने के अलावा समावेशी शिक्षा और ड्रॉप आउट पर भी रिपोर्ट देनी है.
- तीसरी समिति विभिन्न भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने और वोकेशनल एजुकेशन पर अपनी रिपोर्ट देगी.
- चौथी समिति टीचर ट्रेनिंग और एजुकेशन पर रिपोर्ट देगी.
- पांचवी समिति को ऑनलाइन और डिजिटल एजुकेशन पर रिपोर्ट सौंपनी है.
- छठी समिति को एडल्ट एजुकेशन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लागू करने पर रिपोर्ट देनी है.
50 फीसदी तक पहुंचाना है ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो
शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ ने कहा "हायर एजुकेशन में व्यापक बदलाव के लिए बिहार में काफी कुछ किया जाना है. सबसे पहले 2035 तक हमें ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) को 50% तक पहुंचाना है जो वर्तमान में महज 13.5 फीसदी है."