पटनाः बिहार में इस साल शुरू से ही बारिश अच्छी हो रही है और इस बार 48 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है. वहीं कई जिलों में उससे भी अधिक बारिश हुई है. बिहार में मुख्यमंत्री का जल जीवन हरियाली अभियान पिछले साल से चल रहा है. इस अभियान पर सरकार 3 साल में 25000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने वाली है और अभी हाल ही में पृथ्वी दिवस के दिन 3 करोड़ से अधिक पेड़ लगाने का दावा किया गया था. वहीं इन सब का असर ग्राउंड वाटर पर पड़ा है.
पिछले साल उत्तर बिहार तक के कई जिलों में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गई थी और लोगों को पेयजल के संकट का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस साल वाटर लेवल काफी ऊपर आ गया है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
भू-गर्भ जल स्तर में हो रहा सुधार
बिहार में इस साल भू-गर्भ जल स्तर में लगातार सुधार हो रहा है. जून, जुलाई में राज्य के सभी जिलों में पिछले साल के मुकाबले भू-गर्भ जल स्तर काफी ऊपर आया है. पिछले साल की तुलना में 6 जिले ऐसे हैं, जहां पर 10 फुट से अधिक जल स्तर ऊपर आया है. जो बिहार के लिए एक सुकून देने वाला आंकड़ा है. विशेषज्ञ स्थिति का मुख्य कारण अच्छी बारिश होना बता रहे हैं.
लोगों को नहीं हुई पेयजल की समस्या
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को मिली ताजा रिपोर्ट में राज्य के सभी जिलों में भू-गर्भ जल स्तर में पिछले साल से काफी सुधार आया है. पीएचइडी विभाग को इस साल किसी भी जिले में चापाकल सूखने अथवा पेयजल संकट की सूचना नहीं आई है. चाहे वह मैदानी इलाका हो या पठारी इलाका सभी जिलों में बेहतर है. गया और नालंदा के कुछ क्षेत्रों में हर साल पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब स्थिति काफी बेहतर है. पिछले साल की अपेक्षा नालंदा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद और दरभंगा में 10 फुट से भी अधिक पानी ऊपर आया है.
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